जेल जाने से बचने के लिए वसीम रिजवी कर रहा बीजेपी की गुलामी: उलेमा

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को चिठ्ठी लिखकर देश की 9 प्रमुख ऐतहासिक मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंपे जाने की बात कहने पर देश के उलेमा और मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क उठे है.

दारुल उलूम निस्वाह के मोहतमिम मौलाना अब्दुल लतीफ का कहना है कि वसीम रिजवी इस तरह के बयान देने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उनके ऊपर जो केस चल रहे हैं उससे बचने के लिए वो इस तरह की बयानबाजी कर भाजपा को खुश करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी हैसियत बहुत गिर गई है उनके ऊपर किसी भी वक्त कोई भी गाज गिर सकती है.

वहीँ मुफ्ती अथर कासमी का कहना है कि वसीम रिजवी ने जो कहा है वो उसे साबित करके दिखाएं कि वो कौन सा मंदिर है जिसे मुसलमानों ने तोड़कर वहां मंदिर बनाई है. उन्होंने कहा कि असल वजह ये है कि रिजवी पर जो केस दर्ज हैं उनको दबाने के लिए और राजनीति में आने के लिए वो इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं.

इसके अलावा मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि ये हमारे भारत की नीति और संविधान के खिलाफ है. मैं यही कहूंगा की जिस आदमी का दिमाग ख़राब हो गया है वो ही इस तरह की बात कर सकता है, जो मंदिर है वो मंदिर है और जो मस्जिद है वो मस्जिद है , हर धर्म का आदर होना चाहिए.

वहीँ बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब का कहना है कि रिजवी के पास कोई सबूत है कि मुगलों ने मंदिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनवाई हैं. यदि सुबूत है तो वे उसे सामने लाए. उन्होंने कहा, रिजवी को बात करने तमीज नहीं है. रिजवी जब से भाजपा सरकार आई है तब से ही दिखाई दे रहे हैं. रिजवी की बातें बे बुनियाद हैं. कोई भी ऐसा कार्य मुगलों ने नहीं किया जो आपत्तिजनक हो. रिजवी का कोई धर्म ही नहीं है. रिजवी की कुछ हालत ऐसी है कि हाथी चले जाते है और …भौंकते रहते.

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