देहरादून | मुस्लिम कर्मचारियों को जुमे की नमाज के लिए 90 मिनट की छुट्टी देने की घोषणा , मुख्यमंत्री हरीश रावत के गले की फांस बनता जा रहा है. बीजेपी लगातार इस मुद्दे को हवा दे रही है. बीजेपी ने हरीश रावत पर प्रदेश को शरिया कानून के तहत चलाने का आरोप लगाया. हालंकि विपक्ष के बढ़ते दबाव की वजह से सरकार बैकफूट पर दिख रही है. इसी वजह से सरकार ने सभी धर्मो को छुट्टी देने की घोषणा की है.
बीजेपी प्रवक्ता अनिल बलूनी ने हरीश रावत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा की रावत सरकार एक ख़ास समुदाय के लोगो की वोट पाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार दिख रही है. हरीश रावत उत्तराखंड को शरिया कानून के तहत चला रहे है. रावत उत्तराखंड की मूल पहचान और चरित्र को के साथ सौदा कर रहे है. वो इसके खत्म करने पर तुले हुए है.
अनिल बलूनी ने हरीश रावत पर एक विशेष समुदाय की अवैध वोट बनवाने का आरोप लगाते हुए कहा की रावत सरकार उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कस्बो और नगरो के करीब डेढ़ लाख अवैध वोट बनवाने में व्यस्त है. ये सभी वोट एक विशेष समुदाय की है. ये अवैध वोट प्रदेश की 22 सीटो को सीधे सीधे प्रभावित करने की क्षमता रखती है.
बलूनी ने बताया की बीजेपी ने इससे सम्बंधित एक पत्र चुनाव आयोग को भी लिखा है. हमने चुनाव आयोग को बताया है की बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के मतदातो ने उत्तराखंड में भी पंजीकरण कराया है. हम चुनाव आयोग से इन लोगो की पहचान करने और इनकी वोट ख़ारिज करने की मांग करेंगे. बलूनी ने सरकार के उस आदेश पर भी सवाल उठाये जिसमे कहा गया की बाकी समुदाय के लोगो को भी छुट्टी दी गयी है. बलूनी ने पुछा की क्या सरकार ने इस आदेश को कैबिनेट में पास किया है?