लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 2017 में हुई जातीय हिंसा के मामले में जेल में बंद एससी/एसटी नेता और भीम आर्मी के संस्थापक युवा नेता चंद्रशेखर उर्फ रावण को यूपी सरकार ने गुरुवार रात 2:30 बजे जेल से रिहा कर दिया। उन्हे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासूका) के तहत जेल भेजा गया था।
लगभग 16 महीने से जेल में बंद रहने के बाद रावण को गुरुवार रात करीब 2:24 बजे जेल से रिहा किया गया। चंद्रशेखर की रिहाई को को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण को सिर्फ बदले हालात और उनकी मां के आग्रह की वजह से रिहा किया गया है।
जेल से रिहा होने के बाद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखऱ ने कहा कि ‘सरकार डरी हुई थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट उसे फटकार लगाने वाली थी। यही वजह है कि अपने आप को बचाने के लिए सरकार ने जल्दी रिहाई का आदेश दे दिया। मुझे पूरी तरह विश्वास है कि वे मेरे खिलाफ दस दिनों के भीतर फिर से कोई आरोप लगाएंगे। मैं अपने लोगों से कहूंगा कि साल 2019 में बीजेपी को उखाड़ फेंकें।’
Saharanpur: Bhim Army Chief Chandrashekhar alias Ravan comes out of jail after Uttar Pradesh government ordered his early release. He was jailed under NSA charges in connection with the 2017 Saharanpur caste violence case pic.twitter.com/kqE0fz53Yj
— ANI UP (@ANINewsUP) September 13, 2018
रावण ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP को हराना है। बीजेपी सत्ता में तो क्या विपक्ष में भी नहीं आ पाएगी। बीजेपी के गुंडों से लड़ना है। उन्होंने कहा कि सामाजिक हित में गठबंधन होना चाहिए। दलित नेता पर तीन महीने की समयावधि से पहले ही रासुका कानून हटा लिया गया है। इससे पहले दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी जारी रासुका कानून को यूपी सरकार ने रद्द किया था।