
गणतंत्र दिवस पर जहाँ देश अपने गौरवशाली संविधान पर गर्व महसूस कर शान से तिरंगा फेहरा रहा था वहीँ कासगंज की हुई हिंसा ने देश को हिलाकर रख दिया है जिस दिन कासगंज में हिंसा हो रही थी वहीँ गुजरात के अहमदाबाद से 45 किमी दूर छत्राल गाँव में पिछले सप्ताह से खौफ का माहौल बना हुआ है.
गणतंत्र दिवस की रात्री को चिकन के ठेले पर काम करने वाले नूर आलम की तलवार से हमला कर जान लेने की कोशिश की गयी.
सूत्रों के मुताबिक रात्री में बजरंग दल के अमित पटेल उर्फ़ कालिया अपने चार साथियों के साथ चिकन के ठेले पर पहुंचा और वहां जमकर हुडदंग मचाया, जिसका विरोध करने पर कारीगर नूर आलम पर जानलेवा हमला कर दिया गया. यह हमला तलवार से किया गया था. जिस कारण नूर आलम को गंभीर चोटें आई और हालत गंभीर होने के कारण उन्हें अहमदाबाद के वी.एस.हॉस्पिटल ले जाया गया. पीड़ित का अभी ईलाज चल रहा है लेकिन तलवार के वार चेहरे और सिर पर होने के कारण स्थिति गंभीर है.
घटना से भयभीत छात्राल गाँव के लोग गाँव छोड़कर गांधीनगर कलेक्टर में शरण लेने का विचार कर रहे हैं।
अल्पसंख्यक अधिकार मंच के अधिवक्ता शमशाद पठान के अनुसार छात्राल में पिछले काफी दिनों से त्रिशूल दीक्षा जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं तथा मुस्लिम समुदाय को लगातार भड़काने को कोशिश की जा रही है.
अल्पसंख्यक अधिकार मंच के साथी शरीफ मलेक की जबरदस्त कोशिश के चलते बजरंग दल के अमित पटेल और दूसरे चार अनजान लोगों के खिलाफ IPC की कलम 307,324,323,147,148,149 और धारा 135 के तहत FIR कलोल तालुका पुलिस स्टेशन में दर्ज हो गई है.
वहीँ आरोप लगाया गया है की वो पीड़ित को ही धमकाने की कोशिश की जा रही है, आरोपी अमित पटेल भाजपा के पूर्व विधायक का ख़ास बताया जा रहा है जिसके चलते पुलिस पर भी FIR से नाम हटवाने का दबाव बनाया जा रहा है.
कोहराम न्यूज़ इस मामले को लेकर ऍफ़आईआर की कॉपी प्राप्त करने में सफल हो गया