बीदर: कर्नाटक के बीदर जिले की एक अदालत ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार बीदर के शाहीन स्कूल की प्रधानाध्यापिका फरीदा बेगम और 11 वर्षीय छात्रा की मां नजमुनिशां को 14 दिन पुलिस हिरासत में बिताने के बाद शुक्रवार को जमानत दे दी।
दोनों महिलाओं पर आरोप था कि इन्होंने विद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनपीआर) के खिलाफ विद्यालय में एक नाटक आयोजित किया था, जिसके बाद इन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इन्हें एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है और जांच में सहयोग करने तथा जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए भी कहा गया है। बीदर के पुलिस अधीक्षक डीएल नागेश ने कहा कि उन्हें अभी-अभी फोन पर सूचना मिली है कि दोनों महिलाओं को जमानत जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई है।
Karnataka: Bail has been granted to two women who were arrested in connection with Bidar school play case, in which a school was sealed allegedly after students performed a play against #CitizenshipAmendmentAct & National Register Citizens.
— ANI (@ANI) February 14, 2020
इससे पहले 11 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसके बाद मामला 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। आरोपी महिलाओं की ओर से अधिवक्ता बीटी वेंकटेश ने अपनी दलील में कहा था कि यह एक राजनीति से प्रेरित मामला है और बीदर जैसे छोटे शहर में रहने वाली दो महिलाएं राज्य के लिए खतरा नहीं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि नाटक में नारे लगाने से कोई अशांति नहीं पैदा हुई और सरकार के प्रति किसी भी प्रकार की असहमति को बढ़ावा नहीं मिला।
गौरतलब है कि शाहीन प्राइमरी और हाई स्कूल के छात्रों ने पिछले महीने सीएए और एनआरसी के विरोध में एक नाटक का मंचन किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप था।