नई दिल्ली । देश के उत्तर पूर्वी राज्य असम में ज़बरदस्त तनाव पसरा हुआ है. सोमवार को नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का पहला ड्राफ्ट जारी होने के बाद राज्य की 34 फीसदी मुस्लिम आबादी पर नागरिकता का संकट मंडरा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किये गए नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) में क़रीब 1 करोड़ 90 लाख लोगों का नाम शामिल किया गया है. इसके अलावा अब भी 1 करोड़ 39 लाख लोग अपने नाम के लिए इंतजार करना होगा. ध्यान रहे एनआरसी में शामिल लोगों को ही भारत का नागरिक माना जाएगा.
ऐसे में एनआरसी ड्राफ्ट में नाम नहीं होने से एक 40 वर्षीय मुस्लिम शख्स ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान सिलचर निवासी हनीफ खान के रूप में हुई है. वह सिलचर के काशीपुर में अपने परिवार और तीन बच्चों के साथ रहते था.
सोमवार को जब एनआरसी का पहला ड्राफ्ट जारी हुआ तो ड्राफ्ट में नाम न होने की वजह से हनीफ ने फांसी का फंदा गले में डाल लिया. पुलिस को उसका शव पेड़ से लटकते हुए मिला है. हनीफ की पत्नी ने बताया कि वह एनआरसी की वजह से कई दिनों से तनाव में था.
हनीफ की पत्नी ने कहा, ‘मेरे पति अक्सर कहा करते थे कि यदि एनआरसी के पहले ड्राफ्ट में हमारा नाम नहीं हुआ तो क्या होगा. वह बाहर जाने से डरते थे और पुलिस की गाड़ी देखने पर वापस घर आने से डरते थे.
एसपी (काछाड़) राकेश रौशन ने बताया, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं. हमें जानकारी मिली है कि हनीफ अवसाद से पीड़ित थे. हनीफ के परिवार की तरफ से फिलहाल कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है.’