AMU की अनम बनीं दिल्ली की पहली हिजाब पहनने वाली महिला जज

सिकंदराराऊ। नगर निवासी अनम रईस खान ने दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा में 71वीं रैंक के साथ कामयाबी हासिल की है। अनम नगर पालिका के उपाध्यक्ष रहे स्वर्गीय रशीद खां मजनू मियां की पौत्री हैं। अनम के पिता एआर खान रिटायर्ड रेलवे स्टेशन मास्टर हैं तो मां समीना खान एएमयू अंग्रेजी विभाग में प्रोफेसर हैं।

अनम रईस खान ने एएमयू से प्लस टू करने के बाद 2015 में बीएएलएलबी किया। कंस्टीट्यूशनल लॉ में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2016 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया। उन्होंने यूजीसी नेट भी क्वालिफाई किया। सामाजिक क्षेत्र में कार्य करते हुए विधिक साक्षरता व पर्यावरण के लिए लोगों को जागरूक किया। पढ़ाई के दौरान वे एएमयू इको क्लब की सदस्य व लॉ सोसायटी की सचिव रहीं।

2017 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया। शादी होने के बाद पति से दिल्ली जुडीशियल सर्विस की परीक्षा देने की जिद की। उनके पति आस्ट्रेलिया में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 26 साल की उम्र में यह कामयाबी हासिल कर ली। अनम ने पहले प्रयास में ही यह कामयाबी पाई है।

Muslim woman

अनम का कहना है कि बड़े होकर उसकी ख्वाहिश जज बनने की थी। उन्होने कहा, जज एक ऐसी शक्ति जो समाज में असमानता व अन्याय को खत्म कर सकता है। वे लोगों के साथ न्याय कर देश की सेवा करेंगी। विधि छात्रों को उनका संदेश है कि वे समाज में असमानता और अन्याय को दूर करने में योगदान दें।

कुलपति प्रो. तारिक मंसूर, रेजीडेंशियल कोचिंग एकेडमी के निदेशक प्रो. सगीर अहमद अंसारी, विधि संकाय के डीन प्रो. जहीर उद्दीन व विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. परवेज तालिब के अलावा विधि विभाग के समस्त शिक्षकों ने दोनों पूर्व छात्राओं को उक्त परीक्षा में कामयाबी हासिल करने पर बधाई दी है।

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