हरियाणा में सत्तारूढ़ बीजेपी की ‘युवा हुंकार रैली‘ विफल साबित हुई. ये रैली ऐसी स्थिति में विफल हुई जब राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रैली को कामयाब बनाने के लिए जाटों के साथ केस वापस लेने का समझौता किया था.
भाजपा ने जितना दावा किया था उसके आधे भी लोग नहीं पहुंच पाए. वहीं रैली में मंगवाई गई कुर्सियां भी खाली पड़ी दिखाई दी. अपनी विफलता को छुपाने की बीजेपी ने पूरी कोशिश की लेकिन वह छुप न सकी. खाली कुर्सियों को छुपाने के लिए उन्हें शमियाने से ढक दिया गया.
ध्यान रहे इस रैली को कामयाब बनाने के लिए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की और से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली को रोकने की धमकी देने के बाद दबाव में आई खट्टर सरकार ने 822 लोगों पर दर्ज 70 मुकदमों को वापस लेने का ऐलान किया था.
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