
अलवर में कथित गौरक्षा के नाम पर मुस्लिम शख्स की हत्या के मामले में अलवर पुलिस ने गोरक्षकों के हाथ होने से इनकार किया है.
अलवर के एसपी ने राहुल प्रकाश ने कहा है कि इस केस में अब तक की जांच से ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि इस हत्या में गोरक्षकों का हाथ है. उन्होंने बताया, इस इस मामले में एफआईआई दर्ज कर ली गई है. साथ ही कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.
ध्यान रहे शनिवार को अलवर जिले से पिकअप में गाय लेकर भरतपुर के घाटमिका गांव जा रहे तीन मुस्लिम युवकों के साथ गौरक्षा के नाम पर मारपीट की गई थी. इस वारदात में उमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. साथ ही उसके साथी ताहिर और जावेद को बेरहमी से पीटा गया था. दोनों का हरियाणा के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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इस सबंध में मेव समाज का कहना है कि हिंदूवादी संगठन के लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर गाय ले जा रहे मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट की और गोली मारकर हत्या कर दी. इसके साथ ही साथ युवकों के अंग-भंग भी कर दिए. और शव को रेलवे पटरी पर डाला गया है ताकि शव की शिनाख्त ना हो सके.
अलवर के एसपी राहुल प्रकाश के मुताबिक मामले में एक शख्स को हिरासत में लिया गया है और 6 लोगों की पहचान की गई है. हालांकि आरोपी को बाल अपचारी अपराध की धारओं के तहत गिरफ्तार किया गया है, उसकी उम्र 16 साल बताई जा रही है.