गुवाहाटी. असम सरकार ने राज्य में सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने का फैसला किया है। इनके बदले में नए स्कूलो को खोला जाएगा। इस बात की जानकारी राज्य सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को दी।
हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने सभी मदरसों और संस्कृत स्कूल को हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में परिवर्तित करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य धार्मिक संस्थानों को फंड नहीं दे सकता है। हालांकि, गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित मदरसे जारी रहेंगे, लेकिन एक नियामक ढांचे के भीतर।
उन्होंने कहा कि ये (सरकार द्वारा संचालित मदरसे और संस्कृत स्कूल) प्रमाण पत्र जारी करते हैं जो कक्षा 10 और कक्षा 12 के बराबर हैं। चूंकि इनको नियंत्रित करने के लिए कोई नियामक बोर्ड नहीं है, इसलिए इन प्रमाणपत्रों को जारी करने में बहुत सारी गलतियां होती हैं। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि यह निर्णय निजी तौर पर चलने वाले मदरसों को प्रभावित नहीं करेगा।
मंत्री ने कहा कि सरकार को प्राइवेट मदरसों और संस्कृत स्कूलों से कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रिटायरमेंट तक इन स्कूलों के शिक्षकों को सैलरी मिलती रहेगी, लेकिन वे कोई क्लास नहीं ले सकेंगे।
HB Sarma, Assam Minister: We have decided to convert all Madrasas and Sanskrit tols(schools) to high schools and higher secondary schools, as the state can't fund religious institutions. However, Madrasas run by NGOs/Social orgs will continue but within a regulatory framework pic.twitter.com/c3DKQzEMfu
— ANI (@ANI) February 13, 2020
असम सरकार के मदरसा शिक्षा बोर्ड के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा संचालित कुल 612 मदरसे हैं। इन मदरसों में इस्लामिक शिक्षा देने के साथ-साथ अन्य विषयों की भी पढ़ाई होती है।
मदरसा के साथ-साथ सरकार ने सरकार के अनुदान पर चलने वाले 101 संस्कृत विद्यालयों को भी बंद करने का फैसला किया है। इन संस्कृत विद्यालयों में वैदिक शिक्षा के साथ-साथ अन्य विषयों की भी पढ़ाई होती है।