राजस्थान के अलवर में शुक्रवार को बच्चों के लिए दुधारू गाय लेकर जा रहे अकबर खान की गौरक्षकों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस की संवेदनहीनता सामने आ रही है। ऐसे में अब एडिशनल एसपी क्राइम और विजिलेंस के एडिशनल एसपी को मामले की जांच सौंपी गई है।
घटना की सूचना देने वाले नवल किशोर ने बताया कि घायल अकबर लगातार तड़प रहा था लेकिन पुलिस उसे तुरंत अस्पताल ले जान के बजाय पहले गाय के लिए गाड़ी का इंतज़ाम करने में जुटी हुई थी। फिर रास्ते में गाड़ी रोक कर चाय पी और फिर अस्पताल ले जाने की बजाय अकबर को थाने ले गई।
इस दौरान गाड़ी में पुलिस ने अकबर को पीटा भी। नवल किशोर के एक रिश्तेदार माया ने NDTV को बताया, ‘मैंने शोर सुना. जब में बाहर आई, एक पुलिसवाला गाड़ी के अंदर एक व्यक्ति को पीट रहा था और गालियां दे रहा था।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह व्यक्ति तब भी जीवित था, उन्होंने हां में जवाब दिया।
वहीं जिस दुकान पर पुलिस ने चाय पी थी। उस दुकानदार ने बताया कि पुलिसवालों ने 4 चाय मंगवाई थी। नवल किशोर के अनुसार, ‘उनका अगला पड़ाव पुलिस स्टेशन था जहां से वो गौशाला गए।’ जब तब पुलिस ये सब कर रही थी तब तक उस शख्स की मौत हो गई।
वहीं रामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर हसन अली ने बताया कि पुलिस 4 बजे अज्ञात व्यक्ति को लेकर आई थी जो कि मृत अवस्था में था। समय पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता तो शायद उसे बचाया जा सकता था।