देहरादून | दिवाली के बाद से हिंदुस्तान में शादियों का सीजन शुरू हो जाता है. इस समय पुरे हिंदुस्तान में कारोबार अपने चरम पर होता है. काफी कारोबारी तो साल में केवल इसी सीजन के भरोसे अपना जीवन यापन करते है. बैंड वाले, फूल वाले, वेडिंग पॉइंट्स , कपडे और न जाने क्या क्या कारोबार केवल शादियों के ऊपर ही निर्भर है. प्रधानमंत्री मोदी के नोट बंदी के फैसले का असर इन लोगो पर काफी दिखाई दे रहा है.
देहरादून का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध बाजार , पलटन बाजार आज सुना पड़ा हुआ है. इन दिनों पलटन बाजार में पैर रखने के लिए भी जगह नही मिलती थी. लेकिन नोट बंदी के बाद यहाँ ग्राहकों का अकाल पड़ा हुआ है. यहाँ कारोबार करने वाले दुकानदारो का कहना है की नोट बंदी से कारोबार में 70 फीसदी तक की गिरावट आई है. 30 फीसदी कारोबार भी उधार और कुछ प्लास्टिक मनी (डेबिट या क्रेडिट कार्ड ) के भरोसे चल रहा है.
एक साडी कारोबारी प्रदीप कुकरेजा का कहना है की इन दिनों पलटन बाजार में शादियों के लिए कपडे खरीदने वालो का जमावड़ा लगा रहता था. चूँकि मेरा साडी का कारोबार है तो सगुन से लेकर दुल्हन तक की साड़ियो की खूब बिक्री होती थी लेकिन पिछले 14 दिनों में नाम मात्र की बिक्री हुई है. मजबूरी में अब दुकानदार स्वाइप मशीन खरीदने पर मजबूर है.
सूट व्यापारी मयंक का कहना है की एटीएम कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करने वाले बहुत कम ग्राहक दुकान पर आते है. ऐसा इसलिए है क्योकि डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर दुकानदार को सरचार्ज देना पड़ता है , जो हम ग्राहकों से वसूलते है. कोई भी ग्राहक एक तय मूल्य से अधिक पैसे देने के लिए तैयार नही होता. अगर सरकार इस तरह के ट्रांजेक्सन से सरचार्ज हटा देती है तो ग्राहक डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने से नही हिचकिचाएगा.
गौरतलब है की क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर बैंक 2 फीसदी तक का सरचार्ज वसूलता है. जिसका सीधा सीधा असर ग्राहक की जेब पर पड़ता है. इसी वजह से देश में कार्ड से पेमेंट करने वाले ग्राहकों की अभी भी बहुत कमी है.