देश की राजधानी दिल्ली में अभी हिं’सा थमी भी नहीं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान दे दिया। उन्होने सीएए का विरोध कर रहे लोगों को निशाना बनाते हुए कहा कि गलतफहमी के शिकार न हों क्योंकि कयामत का दिन कभी नहीं आएगा। कोई गलतफहमी का शिकार होगा तो उसका समाधान हम अच्छे से करना जानते हैं।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने आखिर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर इतना बवाल क्यों है? आखिर देश की छवि आप लोग क्यों खराब करना चाहते हैं? देश में आगजनी करके तोड़फोड़ करके निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर वे लोग क्या चाहते हैं? योगी ने कहा कि एक बात वह साफ-साफ नोट कर लें कि वह गलतफहमी के शिकार न हों। क्योंकि कयामत का दिन कभी नहीं आएगा। कोई गलतफहमी का शिकार होगा तो उसका समाधान हम अच्छे से करना जानते हैं।
उन्होने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर विरोध प्रदर्शन अनावश्यक है। यह नागरिकता देने का कानून है। प्रधानमंत्री बार-बार कह चुके हैं, इससे किसी से नागरिकता नहीं जाने वाली है। यह कानून 1955 में कांग्रेस सरकार ने बनाया था, इसमें सिर्फ नागरिकता देने के लिए 11 वर्ष के जगह पर 5 वर्ष का नियम किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि वह बनाएंगे तो ठीक है, हम बना दें तो बुरा है? कोई जगह नहीं मिली इनको। हर जगह अव्यवस्था पैदा करके भ्रम फैला रहे हैं।
#WATCH Delhi: National Security Advisor (NSA) Ajit Doval interacts with the local residents of #NortheastDelhi. While speaking to a woman resident he says, "Prem ki bhaavna bana kar rakhiye. Hamara ek desh hai, hum sab ko milkar rehna hai. Desh ko mil kar aage badhana hai." pic.twitter.com/Y1tyAz2LXQ
— ANI (@ANI) February 26, 2020
बता दें कि दिल्ली में बीते तीन दिनों में हुई हिं’सा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है जबकि कुल 189 लोग घा’यल हैं। इसमें गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 22 लोगों और लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में दो लोगों की मौ’त हुई है।
वहीं, दिल्ली हिं’सा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दूसरा 1984 दं’गा नहीं होने देंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिं’सा मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर बेहत सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज करना चाहिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारियों से भी पूछा कि उन्होंने क्यों नहीं एफआईआर दर्ज किया।