इंदौर: पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा फैसला लेते हुए 500 और 1000 के नोटों को अमान्य करार दे दिया था.
माना जा रहा था कि सरकार के इस कदम से कालाधन रखने वालों को बड़ा नुकसान होगा. लेकिन ऐसे लोगों ने बड़ी मात्रा में सोना खरीद कर कालेधन को खपा दिया था. जिसके चलते मोदी सरकार ने आश्वासन दिया था कि नोटबंदी के दौरान सोना खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
हालांकि इस मामले में अब आयकर विभाग ने अपने हाथ ऊँचे कर दिए. आयकर विभाग ने मौजूदा कानूनों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना मुमकिन नहीं है. प्रिंसिपल डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन आरके पालीवाल ने कहा है कि मौजूदा कानून के कारण कार्रवाई संभव नहीं है.
पालीवाल के मुताबिक कानूनन दो लाख रुपए तक का सोना नकद खरीदने की छूट है. खरीदने-बेचने वालों ने कानून का लाभ लेते हुए जानबूझकर सीमा के मुताबिक बिल बनाए. ऐसे में कोई कानून से अलग जाकर कार्रवाई नहीं कर सकता.
ध्यान रहे नोटबंदी को एक साल से ज्यादा का वक्त गुजर चूका है. लेकिन आयकर विभाग ने इस तरह के मामलों में कोई ख़ास कार्रवाई नहीं की.