राज्य के समाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिमों के आरक्षण में तेलंगाना सरकार ने चार फीसदी से बढ़ाकर बारह फीसदी कर दिया है. वहीँ अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षण को वर्तमान के सात फीसदी से बढ़कार दस फीसदी कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया हैं. राज्य विधानमंडल के दोनों सदन रविवार को एक विशेष सत्र में मुसलमानों और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण बढ़ाने से संबंधित विधेयक को पारित करेंगे.
आरक्षण में इस बढ़ोतरी के बाद राज्य में कुल आरक्षण निर्धारित पचास फीसदी से अधिक हो जाएगा. इसलिए विधायिका तेलंगाना आरक्षण विधेयक को पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजेगी.
ये विधायक केंद्र के पास इसलिए भेजा जाएगा ताकि इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए, जैसे तमिलनाडु के मामले में किया गया था. चंद्रशेखर राव ने कहा कि तेलंगाना, तमिलनाडु के मॉडल को अपना रहा है जहां विभिन्न समूहों को कुल 69 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है.