
अहमदाबाद: राज्य में 404 हिंदुओं सहित कुल 453 लोग धर्मपरिवर्तन करना चाहते है. लेकिन राज्य सरकार की और दो साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी अब तक अनुमति नहीं दी गई. इनमे 35 मुस्लिम भी शामिल है. हालांकि मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने बताया कि 453 लोगों में से 171 लोगों को अनुमति दे दी गई है.
विधानसभा में रूपानी ने बताया, जो लोग धर्म परिवर्तन की मंजूरी चाहते हैं, वे गुजरात के 26 जिलों से आते है. उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों के 453 लोगों ने दो साल में 31 दिसंबर 2017 तक धर्मांतरण के लिए आवेदन किया था. “इनमें से, विभाग ने इस अवधि के दौरान अलग-अलग धर्मों के 171 आवेदकों को अपनी सहमति दी.”
मुख्यमंत्री कांग्रेस के विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने इस सबंध में प्राप्त आवेदनों के बारे में जानकारी मांगी थी, जो पिछले दो सालों में दूसरे धर्म को अपनाना चाहते है.
2008 में लागू हुए गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन ऐक्ट के अनुसार,अगर कोई दूसरे धर्म को अपनाना है, तो उसे सरकारी अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी. ये कानून जबरदस्ती धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लागू किया था.
रुपानी के अनुसार, 453 आवेदनों में, सबसे ज्यादा संख्या, 404 हिंदुओं की है. इसके बाद 35, मुस्लिम की है. वहीँ ईसाई की 11, जैन की 2 और सिख की 1 है. उन्होंने कहा कि इस अवधि में पारसी या बौद्ध समुदाय से किसी ने भी इस तरह का कोई आवेदन नहीं किया.
हिंदुओं में, सर्वाधिक धर्मपरिवर्तन करने वाले आवेदनों की संख्या बनासकांठा जिले (193), सुरेंद्रनगर (54) और जूनागढ़ (26) से प्राप्त हुई है.