अलवर के आदर्श नगर दाउदपुर निवासी भावना जिंदल का बचपन मुस्लिम सहेलियों की बीच बिता था. इस दौरान उन्हें 786 से एक गहरा लगाव हो गया. जिसके चलते उन्हें 786 सीरिज के नोटों को एकत्रित करने की आदत लगी. जो लगातार 20 सालों से जारी हैं.
लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गये नोट बंदी के फैसले के बाद उन्हें लाखों रूपये के 786 सीरिज के नोटों को बदलवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं. भावना के पास 786 नंबर के 500 रुपए के 200 नोट, 100 रुपए के 250 तथा एक हजार रुपए के 75 नोट हैं.
बचपन से लगे इस शौक में पहले तो पिता ने पूरी सहायता की बाद में शादी के बाद ससुराल में पति और सास की तरफ से भी पूरा सहयोग मिला. शौक का आलम ये था कि अगर पडोसी, दोस्तों और रिश्तेदारों में अगर किसी के पास 786 का नोट आता तो वह भावना को दे जाता.
भावना के अनुसार उन्होंने इस दौरान कभी भी अपने पास आए 786 सीरिज के नोट को वापस जाने नहीं दिया भावना के अनुसार ’20 वर्षों से मैंने कभी भी 786 का नोट खर्च नहीं किया. कई बार बाजार में गई और कोई सामान या साड़ी पसंद आई, लेकिन पर्स में एेसा नोट होने पर भी उसे खर्च नहीं किया.