हरियाणा के जींद में 183 दिनों से धरने पर बैठे दलितों ने 15 अगस्त को हिन्दू धर्म को त्यागने का फैसला किया है। धर्म परिवर्तन को लेकर उन्होंने व्यापक स्तर पर तैयारियां कर ली गई हैं।
दलित ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संचालक दिनेश बौद्ध खापड़ ने कहा कि उनकी तरफ से सरकार से सम्पर्क व बातचीत करने के सारे प्रयास विफल रहे और अब मजबूरी में उन्हें धर्म परिवर्तन जैसा कदम उठाना पड़ेगा । दलितों ने प्रदेश सरकार पर दलित हिन्दुओं की कोई सुनवाई व मान सम्मान नहीं करने के आरोप लगाए।
उनका कहना है कि ये मांगें पूरी करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। इसके बावजूद सरकार दलितों के प्रति अपनी संकीर्ण मानसिकता के चलते उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं तो दलित समाज धर्म परिवर्तन करेगा।’’
दिनेश खापड़ ने कहा कि यह सरकार दलित विरोधी है तथा इसी दलित विरोधी मानसिकता के चलते दलितों की जायज नैतिक मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो इस बार बहुत अधिक गिनती में दलित हिंदु धर्म को छोड़ देंगे।
बता दें कि झांसा गांव में दलित लड़की से रेप, आसन कांड, भिवानी कांड, भटला जैसी घटनाओं को लेकर यहां के लोग आक्रोशित हैं। दलित नेताओं ने कहा कि इन मामलों में न्याय नहीं मिलने और लगातार उत्पीड़न के कारण अब वे 15 अगस्त को धर्म परिवर्तन करेंगे।