गुजरात के उना में गोरक्षा के नाम पर सताए गए दलित परिवारों ने आज हिन्दू धर्म त्याग दिया है. पीड़ित दलितों के एक समूह ने रविवार को हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया.
ऊना के मोटा सामढियाला में कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच दलितों ने हिन्दू धर्म छोड़कर ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. इस दौरान पीड़ित परिवार समेत करीब 400 दलितों ने बौद्ध धर्म अपनाया.
पीड़ित दलित रमेश सरवैया ने कहा कि उनके साथ अब तक न्याय नहीं हुआ, जो आरोपी हैं वो जमानत पर रिहा हो गए हैं, यही नहीं सरकार ने जो वादा किया था, उसे भी अब तक पूरा नहीं किया गया है.
Ramesh Sarvaiya, son of Balu Sarvaiya tells media that he and around 50 other residents of his Mota Samadhiyala village as well as around 300 Dalits from across Gujarat today converted to Buddhism as they were facing discrimination as Hindu-Dalits @IndianExpress pic.twitter.com/YGfqZH0NOf
— Gopal Kateshiya (@gopalreports) April 29, 2018
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पीड़ित परिवार और बाकी दलितों ने धर्म परिवर्तन के दौरान कसम खाई कि वे हिन्दू देवी-देवताओं में विश्वास नहीं करेंगे और केवल बौद्ध धर्म की मान्यताओं को मानेंगे. धर्म परिवर्तन के बाद लोगों ने कहा कि यह उनका दूसरा जन्म है.
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में बौद्ध साधुओं प्राग्नरत्न, संघमित्रा और आनंद ने दलितों को दीक्षा दी. बता दें कि 11 जुलाई 2016 को रमेश सरवैया, भाई वसराम, अशोक और उसके चचेरे भाई बेचर को गोरक्षकों ने नग्न हालात में कार से बांधकर लोहे की राड से मारा था.
Today, April 29, 2018 and then on July 11, 2016 (Vashram, Ashok, Bechar and Ramesh). Today, Ashok and Ramesh (in blue overcoat) @IndianExpress pic.twitter.com/XeclczgMz0
— Gopal Kateshiya (@gopalreports) April 29, 2018
इस घटना को लेकर जमकर हंगामा मचा था. पुरे देश में दलितों ने आंदोलन किये थे. इस घटना की गूंज संसद तक में सुनी गई थी.