भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा गंभीर है क्योंकि कभी उनके करीबी रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल, नागपुर के मजदूर नेता जम्मू आनंद ने कुछ मजदूरों के साथ 18 अगस्त, 2014 को नागपुर के बुटीबोरी थाने में गडकरी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। फिर दो फरवरी, 2015 को एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की।
कोई कार्रवाई नहीं होती देख उन्होंने दो मार्च को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के सामने यह मामला रखा। फडणवीस ने शिकायत पत्र पर ही नागपुर के विभागीय आयुक्त को मामले की छानबीन का आदेश दे दिया।
गडकरी पर गंभीर आरोप
मजदूर नेता जम्मू आनंद ने सूचना के अधिकार के तहत हासिल दस्तावेजों के आधार पर नागपुर के पास बुटीबोरी औद्योगिक परिसर में मजदूरों को सस्ते घर दिलवाने के नाम पर उनसे तीन गुना अधिक राशि लेने और सांसद एवं विधायक फंड के गैरकानूनी इस्तेमाल जैसे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
आनंद का आरोप है कि सस्ते घर के लिए दो लाख 80 हजार रुपये की प्रस्तावित राशि के मुकाबले छह लाख 25 हजार 500 रुपये वसूले गए। इस छोटे परिसर के विकास के लिए दो करोड़ 50 लाख रुपये सांसद और विधायक फंड से भी लगाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि दोहरी निकासी और सांसद- विधायक फंड के नियम के विपरीत इस्तेमाल के लिए भाजपा के दिग्गज नेताओं, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर और नितिन गडकरी सहित अन्य नेताओं के विकास फंड का दुरुपयोग भी हुआ।
सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज दिखाते हुए जम्मू आनंद ने बताया कि मजदूरों से वैट और सर्विस टैक्स के नाम पर 92 लाख रुपये वसूल तो किए गए, लेकिन संबंधित विभागों में यह राशि कभी जमा नहीं की गई। नो आॅब्जेक्शन सर्टिफिकेट के नाम पर भी पैसे लिए गए।
क्या है गडकरी से रिश्ता
गडकरी की संस्था अन्त्योदय घरकूल प्राइवेट कंपनी लिमिटेड ने 2002 में बुटीबोरी औद्योगिक परिसर में काम करने वाले मजदूरों के लिए सस्ते घर बनाने का प्रस्ताव महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) को दिया था।
इस प्रस्ताव को एमआईडीसी ने नामंजूर कर दिया। इसके बाद 2005 में इंडोरामा गृह निर्माण सहकारी संस्था का जन्म हुआ, जिसके सलाहकारों में गडकरी और उनके करीबी रहे और वर्तमान मुख्यमंत्री फडनवीस शामिल हैं।
अन्त्योदय घरकूल प्राइवेट कंपनी लिमिटेड के कई अधिकारी भी इंडोरामा गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारी हैं और संस्था का पता गडकरी का नागपुर स्थित आवास है। जम्मू का दावा है कि इस संस्था का काम गडकरी के निजी सचिव सुधीर देउलगांवकर देखते हैं और वह ही मजदूरों के संपर्क में भी रहे हैं।
सबसे सस्ता घर और फजीर्वाड़ा
पंद्रह जनवरी, 2013 को नितिन गडकरी ने सस्ते आवास की इस योजना का उद्घाटन किया। उन्होंने इसे एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक परिसर (बुटीबोरी) में दुनिया की सबसे सस्ती आवास योजना बताते हुए इसी पैटर्न को पूरे महाराष्ट्र में लागू करने का सुझाव भी दिया।
जम्मू का कहना है कि सबसे सस्ता आवास का यह दावा धोखा है। उनके अनुसार मजदूरों को 840 वर्ग फीट पर घर बनाकर देने का नक्शा एमआईडीसी ने पास किया था, लेकिन घर 425 वर्गफीट पर ही बनाए गए। जबकि लागत का अनुपात 840 वर्गफीट के आधार पर तय किया गया है।
मकान क्योंकि तय नक्शे के आधार पर नहीं बने हैं, इसलिए एमआईडीसी ने इसे कम्पलीशन सर्टिफिकेट नहीं दिया। बिना कम्पलीशन सर्टिफकिेट के ही मजदूरों के नाम पर घर की रजिस्ट्री करवाकर उन्हें चाभियां सौंप दी गई हैं। इस तरह मजदूरों के सामने इन घरों पर कानूनी अधिकार हासिल करने की मुश्किल है।
गडकरी बेफिक्र
संपर्क करने पर गडकरी की ओर से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया। गडकरी के निजी सचिव नितिन कुलकर्णी ने कहा कि साहब इस पर कुछ भी नहीं कहेंगे।
उन्होंने इस मसले पर इंडोरामा के पदाधिकारी आर शर्मा से बात करने की सलाह दी, लेकिन आर शर्मा से संपर्क नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री के अंडर सेक्रेटरी अभिमन्यु पवार ने मुख्यमंत्री के जांच के आदेश के सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि जम्मू आनंद का कहना है कि विभागीय आयुक्त के पास स्पीड पोस्ट से इस आदेश की कॉपी पहुंच चुकी है।
संजीव चंदन खबर बीबीसी हिन्दी