‘PCOD’ क्या महिला को बांझपन की ओर ले जा रहा ?

PCOD महिलाओं में होने वाली बीमारी है,जो वर्तमान में इतनी सामान्य हो चुकी है कि हर 5 महिला में से 1 महिला को हो रही है। यंग गर्ल्स में यह ज्यादा सामान्य है।अक्सर यह भ्रांति पनप रही है या जब किसी महिला को लगता है जब उसे पता लगता है कि उसे PCOD है,तो उसे लगता है अब कभी सन्तान सुख कभी भोग नही पाएगी या यह कोई बड़ी बीमारी तो नहीं या कहीं यह कैंसर तो नहीं।

पोली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज है (PCOD ) क्या है?

मादा में हर माह मासिक चक्र में उसके अण्डाशय (ovary) में केवल एक ही “विकसित पुटिका (follicle) जिसमे अंडा होता है बनती है लेकिन हर मासिक चक्र में लगभग 10-14 फॉलिकल (पुटिका) विकसित होना शुरू होती है,लेकिन केवल इसमे से एक ही “विकसित फॉलिकल (विकसित पुटिका)” में बदल पाती है, इस विकसित पुटिका में अंडा होता है ,जो संतान प्राप्ति के लिए आवश्यक है।

PCOD में मासिक चक्र में असमान्यता (abnormality) आ जाती है, 10 से 14 में से एक भी पुटिका विकसित (developed) नहीं हो पाती,इसके बजाय सभी 10 से 14 फॉलिकल (पुटिका) थोड़ी सी वृद्धि (growth) करने लगती है, लेकिन इनमें से एक भी पूरी विकसित नहीं हो पाती ओर यह सभी 10 से 14 पुटिका थोड़ी थोड़ी सी वृद्धि (growth) करके अंडाशय (ovary) में रह जाती है , पर इसमे से एक भी पूर्ण विकसित नहीं हो पाती, ओर एक भी विकसित फॉलिकल नही बनती तो ,अंडा(egg) भी नही बन पाता। इसे “पोली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज【पोली =बहुत सारी, सिस्टिक =फॉलिकल, ओवेरियन =अंडाशय,डिजीज= रोग】कहते है।

मतलब यह हुआ कि इस बीमारी में मासिक चक्र में फॉलिकल (पुटिका) तो बहुत सारी बन जाती है पर उनमें से विकसित एक भी नहीं होती। और अंडे (Egg) केवल ‘विकसित पुटिका’ (Developed फॉलिकल) में ही होता है, बिना अण्डे (Egg ) के संतान प्राप्ति नहीं हो सकती। तो क्या बाँझपनता आ जाती है।

PCOD जब होता है तो एक तो मादा में मासिक चक्र में अंडा (Egg) नहीं बन रहा ,साथ ही साथ अब हर माह (Month) होने वाले Periods भी नहीं आते,ऐसा लगभग 3-5 माह तक हो सकता है।साथ ही साथ मादा में Hirsutism (मादा में नर के जैसे बालों का आना ,जो Face, Chest, Back पर आ सकते है) जैसे लक्षण भी आ जाते है।

अब यह जान ले कि यह बीमारी अक्सर होती क्यों है?

इसका सबसे बड़ा और एक कारण है मोटापा (Obesity) आधुनिक लाइफ स्टाइल ओर खाने पीने के कारण मादा में मोटापा बढ़ रहा है, इस मोटापे के कारण अण्डाशय(ovary) पर “इन्सुलिन हार्मोन” काम नहीं कर पाता। इन्सुलिन हार्मोन ऊर्जा (Energy) बनाने के लिए जरूरी है।लेकिन इस बीमारी में इन्सुलिन हार्मोन, मोटापे के कारण अंडाशय (Ovary) पर काम नहीं कर पाता ,इस कारण अण्डाशय (Ovary) में ऊर्जा (Energy) नहीं बन पाती, यह ऊर्जा फॉलिकल (पुटिका) को विकसित करने में काम आती है, इस कारण बिना ऊर्जा के एक भी पुटिका (फॉलिकल) विकसित नहीं हो पाती,ओर सब की सब थोड़ी सी ही वृद्धि (Growth) कर पाती है, ओर इससे PCOD हो जाता है।

बचने के लिए क्या किया जाये?

इससे सही करने के लिए खेर डॉक्टर दवाइयां देते है जैसे इन्सुलिन अंडाशय पर काम करने लगे इसके लिए “मेटफॉर्मिन”। साथ ही साथ ओर भी Combined oral pill, Letrazole, आदि दिए जाते है,पर यह इस बीमारी का स्थाई इलाज नही है, यह दुबारा हो जाएगा अगर मोटापे पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो।

डॉ धीरज बनीवाल

PCOD का सबसे अच्छा और बेहतरीन इलाज एक ही है = Weight Loss। आप बिना डॉक्टर के पास जाए बिना भी अपने खाने पर ध्यान दे और Weight Loss करे तो यह बीमारी अपने आप सही हो जाएगी।इसके लिए Daily Walk या जिम Join करे।योगा इसके साथ किया जाए तो फायदा जल्दी आएगा।

यह अफवाह है कि PCOD से बाँझपन आता है, कैंसर होता है, आप बस लगातार Physical Exercise करे, Fatty food से दूर रहे, तनावमुक्त जीवन जिए, यह बीमारी खुद ब खुद दूर हो जाएगी।

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