नई दिल्ली।
रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश में कुल 27 लोगों को फांसी हुई, जिनमें दो मुसलमान थे। इसके अलावा दिल्ली में 25 लोगों को फांसी दी गई, जिनमें चार मुस्लिम थे। हरियाणा में 103 लोगों को फांसी दी गई, जिनमें केवल एक मुस्लिम था। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में 78 लोगों को फांसी हुई, जिनमें पांच मुस्लिम थे।
इसके अलावा कर्नाटक में 39 लोगों को फांसी हुई, इनमें तीन मुस्लिम थे। महाराष्ट्र में 56 लोगों को फांसी हुई इनमें तीन पांच मुस्लिम थे। यूपी में 366 कैदियों को फांसी की सजा सुनाई गई जिनमें 45 दोषी मुस्लिम थे। पश्चिम बंगाल में 32 लोगों को फांसी हुई जिनमेंं सात मुस्लिम थे।
इसके अलावा रिपोर्ट में दावा किया गया कि अभी तक जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और उड़ीसा में एक भी मुस्लिम को फांसी की सजा नहीं हुई। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि आंध्र प्रदेश में 1968 के बाद मौत की सजा पाने वाले कैदियों का रिकॉर्ड ही नहीं बनाया गया। इसके अलावा केरल में भी फांसी की सजा पाए कैदियों का कोई ठोस रिकॉर्ड नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि देश की कई जेलों में कुछ निर्धारित समय के आंकड़े ही उपलब्ध कराए गए तो तमिलनाडु की जेलों ने किसी भी तरह की भी आंकड़ा देने से इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि याकूब मेमन को फांसी नहीं देने के समर्थन में 40 सांसदों सहित कई बॉलीवुड कलाकारों ने भी आवाज उठाई है। फिल्म अभिनेता सलमान खान ने भी ट्विटर पर याकूब को निर्दोष बताते हुए उसके भाई टाईगर मेमन को फांसी देने की बात कही थी। जिस पर काफी बवाल मच गया था। विवाद बढ़ता देख सलमान ने इस मामले में माफी मांग ली थी। वहीं सपा नेता अबु आजमी और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि याकूब को मुस्लिम होने की वजह से फांसी दी जा रही है।