नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चीन के हाथों 20 जवानों की शहादत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आक्रामक रुख अपना रखा है। वह सीधे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से तीखे सवाल कर रहे है। हालांकि अब सरकार की और से गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया।
अमित शाह ने सख्त लहजे में जवाब देते हुए कहा कि वो किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने में पीछे नहीं हटते। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, की वो कभी भी संसद में इस मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं, लेकिन जिस समय सैनिक चीन का सामना कर रहे हैं उस समय ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिनसे पाकिस्तान और चीन खुश हो।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि चर्चा से कोई नहीं डरता है। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि चर्चा करनी है आइए, करेंगे। 1962 से अबतक की स्थिति पर दो-दो हाथ हो जाए। शाह ने राहुलग गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि जब देश के जवान संघर्ष कर रहे हैं, सरकार स्टैंड लेकर ठोस कदम उठा रही है उस वक्त ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे पाकिस्तान या चीन को खुशी हो।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ अच्छी लड़ाई लड़ी है। मैं राहुल गांधी को सलाह नहीं दे सकता, यह उनकी पार्टी के नेताओं का काम है। कुछ लोग ‘वक्रद्रष्टा’ हैं, वे सही चीजों में भी गलत देखते हैं। भारत ने कोरोना के खिलाफ अच्छा संघर्ष किया और हमारे आंकड़े दुनिया की तुलना में बहुत बेहतर हैं। ‘सरेंडर मोदी’ जैसी बातें लिखने की प्रेरणा राहुल गांधी को चीन और पाकिस्तान से मिलती है। सरकार भारत विरोधी प्रोपेगैंडा को रोकने में सक्षम है लेकिन यह दुखद है कि एक राजनीतिक पार्टी का पूर्व अध्यक्ष संकट के समय ऐसी ओछी राजनीति कर रहा है।
अमित शाह ने सवाल किया कि इंदिरा जी के बाद क्या कोई कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का रहा है? वे किस लोकतंत्र की बात करते हैं? मैं कोरोना के समय में कोई राजनीति नहीं करता। आप पिछले 10 साल के मेरे ट्वीट देख लीजिए। हर 25 जून को मैं इमर्जेंसी पर ट्वीट करता था। दिल्ली में कोविड से लड़ाई पर विवाद के बारे में अमित शाह ने कहा कि अरविंद केजरीवालको लूप में रखकर ही फैसला किया जाता है। कुछ राजनीतिक बयान भले ही सामने आए हों लेकिन फैसलों में कोई राजनीति नहीं होती।
बता दें कि पीएम मोदी द्वारा आज संबोधित किए गए ‘मन की बात’ कार्यक्रम से पहले राहुल गांधी ने पीएम पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि देश की रक्षा और सुरक्षा के बारे में कब बात होगी। रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां तक कि नेपाल ने भी भारत के साथ लगती सीमा पर पहली बार अपनी सेना तैनात कर दी है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही मुमकिन हुआ है।