
केजरीवाल ने कुलपति को लिखे अपने पत्र में मांग की कि मोदी की डिग्री को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाला जाए। केजरीवाल ने लिखा, यह अत्यंत गंभीर विषय है क्योंकि गुजरात विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने वहां से स्नातकोत्तर किया है। यदि उन्होंने बीए ही नहीं किया, तो उनको एमए में दाखिला कैसे मिल गया? इससे संदेह उत्पन्न होता है कि तब तो एमए की डिग्री फर्जी है।
दस्तावेजों के सुरक्षित न होने की खबरों का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कुलपति से अनुरोध किया कि वह सभी दस्तावेजों की हिफाजत के लिए उचित कदम उठाएं और सारे दस्तावेज तुरंत वेबसाइट पर डाल दिए जाएं। उन्होंने लिखा, आपसे निवेदन है कि इन सभी दस्तावेजों की हिफाजत के लिए उचित कदम उठाएं। बेहतर होगा कि अगर ये सारे दस्तावेज तुरंत वेबसाइट पर डाल दिए जाएं। इस देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हुए हैं? और यदि प्रधानमंत्री की डिग्री पर इतने गंभीर आरोप लगते हैं तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।