राजस्थान के अलवर में गौरक्षा के नाम पर मारे गए अकबर के संदर्भ में जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिस तरह किसी के खाने को लेकर भीड़ हिंसा को जायज ठहराया जा रहा है, उसी तरह किसी दिन बलात्कार को भी जायज बताया जा सकता है।
महबूबा ने ट्वीट किया, “आज कोई क्या खाता है इस बात का सहारा लेकर भीड़ द्वारा जान-मार देने को जायज ठहराया जा रहा है, कल…रेप जैसे अपराध के पक्ष में भी तर्क दिया जा सकता है…क्या हम इसी तरह के भारत की कल्पना करते हैं।”
Today, lynching is being justified on the basis of what one eats. Next, crimes like rape might be similarly defended. Is this the India we envision?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 25, 2018
बता दें कि राजस्थान के अलवर के रामगढ़ इलाके के लल्लावंडी गांव में गौरक्षकों ने अकबर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस मामले मे राजस्थान सरकार ने अब न्यायिक जांच के आदेश दिये है। राजस्थान सरकार का मानना है कि अकबर की मौत पुलिस कस्टडी मे मौत हुई है।
जबकि दूसरी और अकबर के परिजनों का साफ कहना है कि VHP नेता नवल किशोर शर्मा और उसके साथियों ने ही उनके बेटे की जान ली है। चश्मदीद घायल असलम के बयान के अनुसार, नवल किशोर शर्मा और उसके साथियों ने रकबर के शरीर के हर जोड़ पर हमला कर उसे तोड़ दिया था। जिसके बाद वह चीखता रहा।
परिजनों का ये भी कहना है कि राजस्थान पुलिस की भले ही लापरवाही तो हो सकती है, लेकिन अकबर को इन लोगों ने पहले ही मार दिया था।