पूर्व केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री और मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने तीन तलाक को गैर इस्लामी बताते हुए कहा कि तीन तलाक की कोई अवधारणा ही नहीं हैं. उन्होंने कहा, एक साथ तीन तलाक की परंपरा का कुछ संगठनों द्वारा गैर इस्लामी व्याख्या की जा रही है.
उन्होंने कहा कि तीन तलाक लगातार तीन बार तलाक बोल कर वैवाहिक संबंध तोड़ना की परंपरा की गलत ढंग से व्याख्या की जा रही है क्योंकि एक बार में तीन तलाक की कोई अवधारणा नहीं है.
केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर तीन तलाक का विरोध करने के बारें में उन्होंने कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जहां मैं सकारात्मक या नकारात्मक जवाब दे सकूं कि मैं केंद्र के रूख से सहमत हूं या नहीं. मैं इस मुद्दे पर सिर्फ अपने विचार और जो मैं महसूस कर रही हूं उसे जाहिर कर सकती हूं.
मुसलमानों द्वारा एक से ज्यादा निकाह करने पर उन्होंने कहा कि लोगांे को इस बारे में सोचना चाहिए और इस्लाम के नाम पर किया जाने वाला कोई भी अन्याय सही नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर इस्लामी देशों ने इस्लाम की सही व्याख्या की है. उन्होंने कहा कि कुरान और पैगंबर मुहम्मद ने कहा है कि जिन्होंने इंसान के साथ अन्याय किया है वे ठीक से धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, जो इस्लाम का दुरूपयोग कर रहे हैं और महिलाओं से समान बर्ताव नहीं कर रहे हैं वे गलत हैं. मैं जो कहती हूं उसमें यकीन रखती हूं. यहां तक कि एक महिला भी निर्ममता, अन्याय और अन्य हालात में शादी तोड़ने की मांग कर सकती है लेकिन इस बारे में कोई बात नहीं करता.