नई दिल्ली: एक फ्रेंच अखबार को दिए इंटरव्यू में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद राफेल डील मामले मे सनसनीखेज खुलासे के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।
इसी बीच पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने राहुल गांधी को पप्पू कहते हुए उनकी आलोचना की और कहा कि यदि रफाल डील में भ्रष्टाचार को लेकर उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई सबूत है तो देश की जनता के सामने रखें या फिर स्वयं जेल जाने के लिए अब तैयार रहें। सबसे बड़ी बात यह है कि बोस ने धमकी भरे अंदाज में ये बातें ट्वीट करते हुए कही और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस को टैग भी किया।
I challenge @RahulGandhi to arrest Hon'ble Prime Minister Shri @narendramodi ji if he has conclusive proof against him on #RafaleDeal ! If not prepare to go to jail yourself. @narendramodi @AmitShah @IndianNationalC @BJP4India
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) September 22, 2018
चंद्र कुमार बोस ने अमितशाह, कांग्रेस और बीजेपी को टैग करते हुए कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, राफेल मामले में नरेंद्र मोदी को गिरफ्तार करवाने के लिए राहुल गांधी को चुनौती देता हूं। अगर उनके पास सबूत है तो पीएम को गिरफ्तार करवाएं या खुद जेल जाने के लिए तैयार रहें।
If people have a peasized brain its their problem -obviously @RahulGandhi can't arrest @narendramodi -what I meant if #Pappu has all the evidence-he can submit the same to the police/courts for suitable action.What's wrong with people please use your brain even if its pea sized!
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) September 23, 2018
उन्होंने दूसरा ट्वीट किया, राजनेताओं के बीच बौद्धिक और राजनीतिक दिवालियापन देखना वाकई दुखद है। उन्हें देश के कल्याण और विकास पर केंद्रित होना चाहिए। इसके बजाय वे चोर कौन है, यह स्थापित करने की कोशिश कर समय और ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं। यह दयनीय है।
बता दें कि बीते दिन फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद ने अपने एक साक्षात्कार में रफाल डील के बारे में कहा कि राफेल फाइटर जेट के सौदे के लिए रिलायंस डिफेंस के नाम का प्रस्ताव भारत सरकार ने ही किया था। उनका कहना है कि रिलायंस को डील सौंपने में फ्रांस सरकार की कोई भी भूमिका नहीं थी।