जो अच्छे दिन का वादा करते थे उन्होंने लोगो को ही लाइन में लगा दिया- अखिलेश यादव

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लखनऊ | नोट बंदी के बाद विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हमला कर रहा है. उनका आरोप है की नोट बंदी से देश का हर तबका परेशान हुआ है, मजदूर बेरोजगार हो गए और उधोग धंधे बंद हों गए जबकि कालाधन रखने वाले अब भी आराम से सो रहे है. उधर सरकार दावा कर रही है की नोट बंदी के बाद देश के अन्दर का कालाधन बाहर आएगा, भ्रष्टाचार रुकेगा और नकली नोट खत्म होने से आतंकवाद पर इसका असर पड़ेगा.

नोट बंदी पर मोदी सरकार की खिंचाई करते हुए उत्तर प्रदेश एक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा की जो पार्टी अच्छे दिनो का वादा करती थी उसने लोगो को ही लाइन में लगा दिया. नोट बंदी से देश को फायदा तो नही होगा लेकिन इससे देश के मजदूर, किसान , आम आदमी और गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है. मुंबई, नोयडा और गाजियाबाद जैसी जगहों से, जहाँ सबसे ज्यादा मजदूर काम करते थे, वहां से वो अपने घर को पलायन कर रहे है.

अखिलेश ने आगे कहा की उधोग धंधे बंद होने से लाखो मजदूर बेरोजगार हो चुके है. जो उधोग अब रफ़्तार पकड़ने लगे थे उनको भी बंद करना पड़ा है. अच्छे दिन का सपना दिखाने वाली सरकार ने तो नोटों को ही रद्दी कर दिया. इससे हालात इतने ख़राब हो चुके है की अब लोगो को गुजर बसर करने के लिए बच्चो की गुल्लक तक तोडनी पड़ रही है.

अखिलेश यादव लोकभाव में छात्रों को लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने अपनी उपलब्धिया गिनाते हुए कहा की हमने हर गरीब और मजदूर के बच्चो के हाथ में लैपटॉप पहुंचाया है. इस बार हम स्मार्ट फ़ोन देने जा रहे है. इसके लिए हमारे पास एक करोड़ पंजीकरण हो चुके है. हम चाहते है की सरकार के काम आमजन तक पहुंचे. वो हमसे जुड़े , अपनी आवाज हम तक पहुंचाए.

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