ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीक चिह्न, ओवैसी ने कहा खुल रहा है मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता

वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की आज वीडियोग्राफी होनी है और उसके ऊपर सर्वे का काम शुरू किया जाएगा जिसको लेकर पूरे वाराणसी में पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है और इसके साथ ही पुलिस भी अलर्ट हो गई है।

कोर्ट में 5 महिलाओं जिनका नाम रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास और राखी सिंह है उन्होंने यह याचिका दायर की थी कि वह शृंगार गौरी मंदिर में हर दिन पूजा करना चाहती हैं उनका यह कहना है कि यह मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में मौजूद है इसलिए इसके अंदर पूजा करना उनका हक है जिससे उन्हें कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ेगी।

जिसके बारे में अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बयान जारी किया है कि ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के कुछ इलाकों के सर्वे को लेकर अदालत ने जो हालिया बयान दिया है वो मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रहा है। इसके साथ ही ओवैसी ने इस फैसले की निंदा की है ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का यह आदेश 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन करता है। उसमें धार्मिक स्थलों के रूपांतरण पर साफ़ रोक लगाई गयी है।

कल अदालत द्वारा दिए गए फैसले के चलते कोर्ट कमिश्नर की अगुवाई में दोनों पक्षकार विवादित स्थल पर गए थे। दोपहर बाद तीन बजे के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास हलचल अचानक बढ़ गई थी जिसके बाद फाॅर्स को भारी मात्रा में लगाया गया था। ज्ञानवापी का हर छोर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। मेन गेट से लोगों का प्रवेश बंद करा दिया गया था और कोर्ट कमिश्नर ने दो वकीलों के साथ सर्वे शुरू किया। लगभग करीब तीन घंटे की चली इस कार्रवाई के दौरान बहार काफी तनावपूर्ण माहौल रहा था।

वही हिंदू पक्ष के वकील कहना है की मस्जिद परिसर में हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीक चिह्न मिले हैं। 27 लोगो की सर्वे टीम आज परिसर में बैरेकेडिंग के साथ अंदर जाकर सर्वे करेगी। बीते दिन मस्जिद परिसर में बाहर के इलाकों का सर्वे हुआ था और इसके साथ ही सर्वे की सभी रिपोर्ट, वीडियोग्राफी और सबूत जिला कोषाकार में रखे जाएंगे।

 

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