पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को राज्य सभा में गाय संरक्षण बिल 2017 पेश कर गोहत्या करने वालों के लिए फांसी की सज़ा की मांग की.
बिल को पेश करते हुए स्वामी ने मुग़ल शासन का हवाला देते हुए कहा कि मुगल काल में भी बहादुर शाह जफर ने गो-हत्या पर रोक लगाई हुई थी. उन्होंने कहा, अंग्रेजों के शासन में गौहत्या का चलन बढ़ा. साथ ही उन्होंने दावा किया कि गौमूत्र का इस्तेमाल दवा बनाने में होता है.
उन्होंने बिल में मांग करते हुए कहा कि हरेक गांव में गौशाला की स्थापना की जाये. साथ ही गोमांस से जुड़े कारोबारियों को फांसी की सजा तक दी जानी चाहिए. स्वामी के प्रस्ताव पर तेलंगाना से कांग्रेस के सांसद आनंद भास्कर ने स्वामी पर तंज कसा कि हमें गाय की सेहत पर ध्यान जरूर देना चाहिए लेकिन गाय को राजनीतिक पशु नहीं बनाना चाहिए.
सीपीआई के सांसद डी राजा ने स्वामी के बिल का विरोध करते हुए कहा कि हाल के दिनों में गोहत्या के आरोप में दलितों, मुस्लिमों को हिंसक भीड़ का निशाना बनना पड़ा है. डी राजा ने सदन से पूछा कि क्या स्वामी के बिल से सरकार सहमत है या असहमत, इस पर जवाब देना चाहिए.
WATCH | Cow Protection Bill 2017 introduced by BJP MP @Swamy39 in Rajya Sabha for discussion and approval pic.twitter.com/kDpwQGJDSb
— TIMES NOW (@TimesNow) February 2, 2018
उन्होंने कहा कि अगर यह बिल पारित होता है तो देश को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने भारत माता के नाम पर इस बिल को खारिज करने का अनुरोध सदन से किया.