कर्नाटक चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश – ‘शनिवार शाम 4 बजे हो शक्ति परीक्षण’

नई दिल्ली: कर्नाटक में चल रहे सियासी नाटक पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए बीजेपी को शनिवार (19 मई) को शाम चार बजे तक बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया है.

इस दौरान बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि शनिवार को फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जाय क्योंकि कांग्रेस-जेडीएस के विधायक राज्य से बाहर हैं लेकिन अदालत ने कहा कि 28 घंटे के अंदर बहुमत परीक्षण कराया जाए. न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने कहा, ‘सदन को फैसला लेने दें, और सबसे अच्छा तरीका शक्ति परीक्षण होगा.’

कोर्ट ने  राज्यपाल और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि शक्ति परीक्षण होने तक विधानसभा के लिये किसी भी ऐंग्लो इंडियन को मनोनीत नहीं किया जाये. कोर्ट ने यह भी निर्देश भी दिया कि शक्ति परीक्षण होने और बहुमत साबित होने तक नवगठित राज्य सरकार कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं ले.

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कोर्ट से कांग्रेस-जेडीएस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उनके विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाय और बहुमत परीक्षण की वीडियोग्राफी कराई जाए. इस पर कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को नवनिर्वाचित विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने और हरेक विधायक को सदन तक सुरक्षित पहुंचाने का निर्देश दिया लेकिन शक्ति परीक्षण का वीडियोग्राफी कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया.

येदियुरप्पा ने शक्ति परीक्षण गुप्त मतदान के माध्यम से कराने का बेंच से अनुरोध किया जिसे अस्वीकार कर दिया. इस मामले में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने न्यायालय में वह पत्र पेश किए थे जो उन्होंने सरकार बनाने का दावा करते हुए प्रदेश के राज्यपाल वजूभाई वाला को भेजे थे.

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