बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नागरिकता कानून को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होने कहा कि सीएए के तहत मुस्लिमों को नागरिकता मिल सकती है। लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होगी। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जबकि नागरिकता संसोधन कानून कि खिलाफ देश के अधिकांश राज्यों में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है।
स्वामी ने कहा, “अभी तो एनआरसी बनी भी नहीं है, उसके आधार पर कैसी-कैसी बातें हो रही है। हमारी नीयत ही ऐसी है। जो हिंदू हैं, वो तो निश्चित तौर पर इस देश में रहेंगे। अगर मुसलमान हैं, क्वलिफायड हैं, उसके लिए सेक्शन 6 में आवेदन कर सकते हैं। 11 साल के बाद उनको नागरिकता मिल सकती है, बशर्तें कि वे सारी शर्तों को पूरा करते हैं।”
स्वामी ने आगे कहा, “नागरिक बनने से कोई मना नहीं कर सकता क्योंकि इसके लिए चार सेक्शन हैं। इसके तहत आप देश के नागरिक बन सकते हैं। मुसलमान हो, यहूदी हो या और कोई हो। लेकिन आज जो ये हो रहा है, उसके पीछे कारण क्या है? कारण ये है कि देश में जो हिंदुत्व बढ़ रहा है, और जिस कारण से हिंदू संगठित हो रहे हैं तो कोई और जीत नहीं सकता। सिर्फ वही लोग जीत सकेंगे जो हिंदू के विश्वास व आस्था को बनाए रखेंगे। उस भय से रोकने के लिए यह हो रहा है।”
The PMO today is dominated by officials who have an anti Hindutva mindset. Some in PMO are in touch with Sharad Pawar and his daughter. The targeting of officials who are patriotic and want to prosecute the corrupt, has begun. We must learn a lesson from Delhi Anti CAA uprising
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 2, 2020
भाजपा सांसद ने कहा, “यही वजह है कि आज कांग्रेस पार्टी में भी हिंदुत्व की बातें होने लगी है। कमलनाथ कहते हैं कि इनलोगों ने राम का मंदिर बनाया है, मैं सीता मंदिर बनाऊंगा। राहुल गांधी कहते हैं कि मैं ब्राह्मण हूं, जनेऊ पहना और कहा कि मैं जन्म से ब्राह्मण हूं। लेकिन ऐसा नहीं होता है। जो ज्ञानी और त्यागी होता है, वह ब्राह्मण होता है।”
इसके अलावा उन्होने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों पर हिंदुत्व विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया है। अपने ट्वीट में स्वामी ने लिखा है, ‘आज पीएमओ में हिंदुत्व विरोधी मानसिकता रखने वाले अधिकारियों का वर्चस्व हो गया है। पीएमओ में कुछ अफसर शरद पवार और उनकी बेटी के संपर्क में हैं। ऐसे अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है जो देशभक्त हैं और भ्रष्टाचारियों को कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं। हमें दिल्ली में सीएए के विरोध में हुई बगावत से सबक लेना चाहिए।’