बुधवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा वित्त मंत्री अरुण जेटली से देश छोडने से पहले मुलाक़ात के बयान ने देश की राजनीति को हिला के रख दिया है। ऐसे में अब भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी का बीती 12 जून का एक ट्वीट वायरल हो रहा है। जिसमे उन्होने माल्या के भागने को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे।
अपने ट्वीट में स्वामी ने कहा था कि “माल्या भारत से नहीं भाग सकता था क्योंकि उसके खिलाफ सभी एयरपोर्ट्स पर लुक आउट नोटिस जारी था। इसके बाद वह दिल्ली आया और यहां किसी पॉवरफुल व्यक्ति से मुलाकात की। जिसके बाद माल्या के यहां से निकलने के लिए लुक आउट नोटिस में बदलाव किया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि वह कौन व्यक्ति था, जिसने लुक आउट नोटिस में बदलाव किए?”
Mallya could not escape from India because of a strong Look Out Notice for him at airports. He then came to Delhi and met someone who was powerful enough to change the Notice from blocking his departure to just reporting his departure. Who was that person who dilute this LON?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 12, 2018
इस मामले में द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अक्टूबर, 2015 को सीबीआई ने विजय माल्या के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था और ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन को कहा था कि यदि विजय माल्या देश छोड़कर जाने की कोशिश करे तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाए। लेकिन बाद में सीबीआई ने एक दूसरा सर्कुलर जारी किया और इमीग्रेशन अथॉरिटी को कहा कि वह माल्या को गिरफ्तार करने के बजाए उसकी गतिविधियों के बारे में सिर्फ उन्हें सूचित करे। इतना नही नही 11 मार्च, 2016 को इमीग्रेशन ब्यूरो ने दावा किया कि उन्होंने सीबीआई को अलर्ट किया था कि विजय माल्या 2 मार्च को इंटरनेशनल फ्लाइट लेने वाला है, लेकिन सीबीआई ने उन्हें बताया कि माल्या के खिलाफ कोई अरेस्ट वारंट नहीं है।
बता दें कि माल्या ने दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने जेटली से मिलकर बैंकों का कर्ज चुकाने की पेशकश की थी। लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पत्रकारों से बातचीत में माल्या ने कहा, “भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए मैं वित्त मंत्री से मिला था। मैंने बैंकों के साथ मामला सुलझाने के लिए दोबारा ऑफर भी दिया था। बैंकों ने निपटारे के प्रस्ताव वाली मेरी चिट्ठियों पर आपत्ति दर्ज की थी।”
अरुण जेटली ने एक लिखित बयान जारी करके कहा है कि माल्या का बयान पूरी तरह झूठ है और सच से उसका कोई वास्ता नहीं है। जेटली ने कहा है कि साल 2014 से अब तक उन्होंने कभी विजय माल्या को मुलाकात का वक्त नहीं दिया इसलिए उनसे मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता।