जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने की आलोचना करने वाली ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स (Debbie Abrahams) को मोदी सरकार द्वारा डिपोर्ट किए जाने को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
शशि थरूर ने कहा, मुझे लगता है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोगों को भारत में प्रवेश न देने से हमें एक संकीर्ण दिमाग और असहिष्णु वाला देश समझा जाएगा, जो हमारे देश के लिए सही नहीं है, हमारे देश में विविधता है। हमारे पास बाहर से आने वाले लोगों के नकारात्मक दृष्टिकोण को सहन करने की क्षमता है।
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘अगर कश्मीर में चीजें ठीक हैं तो क्या सरकार को आलोचना करने वालों को खुद की नजर से वहां की स्थिति नहीं देखने देनी चाहिए थी ताकि उनके डर पर विराम लगे?’
i find it ironic that some of the same people who applauded me for going to Britain as an Indian MP& telling them off about their colonial misbehaviour, are attacking me for wanting India to grant a British MP the same privilege! If we can dish it out, we shld be able to take it.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 17, 2020
तो वहीं कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता का कहना है कि ऐसा फैसला लेना जरूरी था।
मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर लिखा, ‘डेबी अब्राहम को भारत के द्वारा वापस भेजना काफी जरूरी था। वह सिर्फ एक ब्रिटिश सांसद नहीं थीं, बल्कि वो एक पाकिस्तानी प्रतिनिधि थीं जो वहां की सरकार, आईएसआई के लिए काम करती रही हैं। भारत की संप्रभुता को अलग करने के लिए जो भी प्रयास किए जाएंगे उन्हें नाकाम करना जरूरी है।’
The deportation of Debbie Abrahams by India was indeed necessary, as she is not just an MP, but a Pak proxy known for her clasp with e Pak govt and ISI. Every attempt that tries to attack India's sovereignty must be thwarted.#Kashmir#DebbieAbrahams
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) February 18, 2020
बता दें कि ब्रिटिश संसद की सदस्य और कश्मीर के लिए ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप की प्रेसिडेंट डेबी सोमवार को दुबई से भारत पहुंची थीं लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर ही उन्हें रोक दिया गया। उन्हें बताया गया कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है। जिसके बाद उन्हें वापस दुबई भेज दिया गया।