नोट बंदी के मुद्दें पर शिवसेना पहले ही मोदी सरकार का साथ छोड़कर विपक्ष के साथ खड़ी नजर आ रही थी. लेकिन अब अपने तेवर और सख्त करते हुए शिवसेना ने मोदी सरकार को इस मुद्दें पर सत्ता से अलग होने की भी धमकी दे दी हैं.
दरअसल शिवसेना केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के उस नियम के खिलाफ हैं जिसमे ज़िला सहकारी बैंकों के द्वारा पुराने नोट बदलने और जमा करने पर रोक लगाई गई हैं. देश भर में जिला सहकारी बैंकों की सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र में हैं. महाराष्ट्र के 31 सहकारी बैंकों में 3 करोड़ ग्राहकों के 60 हजार करोड़ रुपये जमा हैं.
इस मुद्दें को लेकर शिवसेना नेता आनंदराव अडसूल ने कहा है कि इस मुद्दे पर उनकी बात सुनी नहीं गई तो वे सत्ता से बाहर भी निकल सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से इस मुद्दे पर उनकी बात हो चुकी है और इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की भी यही भूमिका है.
महाराष्ट्र के सभी ज़िला सहकारी बैंकों ने केंद्र सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ़ बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की हुई है.