कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी मामले में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि सोज न तो हिरासत में है और न ही हाउस अरेस्ट है। उनकी पत्नी के दावे झूठे हैं। सैफुद्दीन सोज ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के इस हलफनामे को झूठा करार दिया।
समाचार चैनल NDTV ने अपने शो में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज़ का एक वीडियो दिखाया है, जिसमें वो आरोप लगा रहा है कि उनकी नज़रबंदी को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गलत जानकारी दी है। बंद दरवाजे और बैरिकेड के पीछे से ही सोज कहते नजर आए कि आखिर सरकार सुप्रीम कोर्ट में सरकार ऐसा कैसे कह सकती है कि मैं हिरासत में नहीं हूं।
सैफुद्दीन सोज़ ने अपने घर में बंद फाटकों के पीछे से चिल्लाते हुए एनडीटीवी के रिपोर्टर से कहते है, “आप सुनिए, सुप्रीम कोर्ट के सामने केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा सोज़ फ्री है और वो कहीं भी जा सकते है और वो कभी गिरफ्तार नहीं थे। और लानत मारिए इस पुलिस पर, ये सिपाही मुझे रोक रहे है, कहीं जाने दे रहे हैं। आप यह सब देख रहे है, सुप्रीम कोर्ट को बताइए यह।” उन्होंने आरोप लगया कि उनकी नज़रबंदी को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोला है।
Watch | Saifuddin Soz kept behind locked gates in his home, shouts "Let Supreme Court see how I am being detained" pic.twitter.com/nhRi1LE0Vf
— NDTV (@ndtv) July 29, 2020
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने हलफनामे में सैफुद्दीन सोज के हिरासत में या फिर हाउस अरेस्ट से इंकार किया. ऐसा कोई आदेश कभी पारित नहीं हुआ। हलफनामा में कहा गया कि सैफुद्दीन सोज स्वतंत्र हैं। जम्मू कश्मीर प्रसाशन द्वारा याचिका खरिज करने की मांग की गई है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने जम्मू-कश्मीर के विशेष सचिव (गृह) की ओर से दायर हलफनामे पर गौर करने के बाद इस याचिका का निपटारा कर दिया।