इंदाैर. वाराणसी से उज्जैन के बीच शुरू की गई काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए सीट रिजर्व करने पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है। उन्होने इसके लिए बाकायदा संविधान की एक कॉपी को पीएमओ से शेयर तक किया।
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से ‘काशी महाकाल एक्सप्रेस’ (Kashi Mahakal Express) को हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन में एक सीट भगवान शंकर के लिए भी रिजर्व की गई। इस सीट पर भोलेनाथ का एक छोटा मंदिर स्थापित किया गया है। ताकि ट्रेन में भी लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने को मिलें।
इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया और संविधान की प्रस्तावना को साझा किया। बता दें कि संविधान की प्रस्तावना पर सभी धर्मों के साथ एक समान, सभी लोगों के साथ एक समान व्यवहार करने के बारे में लिखा गया है।
Sir @PMOIndia https://t.co/HCeC9QcfW9 pic.twitter.com/6SMJXw3q1N
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020
मामले में अब आईआरसीटीसी ने सफाई दी है। एक बयान में कहा- यह व्यवस्था सिर्फ पहले दिन के लिए थी। जो नए प्रोजेक्ट की सफलता के लिए भगवान शिव से “आशीर्वाद” लेने के तौर पर देखी जाए। 20 मार्च से व्यवसायिक रूप से ट्रेन यात्रियों के लिए शुरू होगी, तब ऐसा कोई आरक्षित या समर्पित बर्थ नहीं रहेगी।
ऐसा पहली बार है, जब किसी भगवान के लिए सीट आरक्षित की गई है। ट्रेन में भक्ति संगीत, हर कोच में दो निजी गार्ड और केवल शाकाहारी भोजन मिलेगा। यह ट्रेन आम जनता के लिए 20 फरवरी से शुरू होगी। इसके बाद लगातार कैसेट के माध्यम से अनांउसमेंट के जरिए लोग ट्रेन में ही भजन-कीर्तन सुन सकेंगे।