कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों के केरल दौरे पर हैं। बुधवार को कोच्चि में राहत शिविर का दौरा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से केरल के लोगों ने बाढ़ की परिस्थिति का सामना किया, उन्हें केरलवासियों पर गर्व है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘देखिए, केरल की बाढ़ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। किस वजह से बाढ़ आई मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता, इस मुद्दे पर राजनीति करना मेरा मकसद नहीं है। मैंने बड़ी संख्या में राहत शिविरों में लोगों से मुलाकात की है। मैंने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से बात की है। यह बेहद जरूरी है कि सरकार लोगों को उनके घरों को दोबारा बनाने में सहयोग करे। केरल बाढ़ पीडि़तों के लिए जितने मुआवजे का एलान हुआ है वो जल्द-से-जल्द दिया जाए।’ साथ ही राहुल ने कहा कि जिस तरह से केरल के लोगों ने इस परिस्थिति का सामना किया है, मुझे केरल के सभी लोगों पर गर्व है।
उन्होने बताया, “मैंने कल कई कैम्पों का दौरा किया, लोग चिंतित हैं… मैंने केरल के मुख्यमंत्री से भी बात की है… यह अहम बात है कि इस वक्त सरकार लोगों को आश्वासन दे कि उनके घरों को फिर बनाने में सरकार मदद करेगी… जिस मुआवज़े का वादा किया गया है, वह जल्द दिया जाना चाहिए…”
I have visited a large no. of camps y'day, people are worried. I spoke to Kerela CM too. It is important that the govt gives a sense to the people that it is going to help re-build the houses. Compensation promised should be delivered quickly: Congress Pres Rahul Gandhi in Kochi pic.twitter.com/k7c1ibBavd
— ANI (@ANI) August 29, 2018
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे इस बात का दुःख है कि केंद्र सरकार ने उतनी मदद नहीं दी है, जितनी उन्हें देनी चाहिए थी। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए समर्थन की सीमा अधिक होनी चाहिए। यह केरल के लोगों के लिए बकाया है। यह उनका अधिकार है।
उन्होंने कहा कि भारत में इस समय दो अलग-अलग विचारधाराओं के लोग हैं. एक केंद्रीकृत दृष्टि है और दूसरा विकेंद्रीकृत दृष्टि है। एक नागपुर के आधार पर अपनी विचारधारा पर काम कर रही है और दूसरी विचारधारा में वो सभी लोग हैं जो ये मानते हैं कि भारत में अलग-अलग संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं के लोग रहते हैं। इस समय दो विचारधारा के बीच लड़ाई चल रही है।