लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को इसको लेकर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राहुल से उनके आवास पर मुलाकात की।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद में जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, लेकिन पार्टी एक महीने के भीतर नया अध्यक्ष चुन ले। दूसरी ओर आज शाम कांग्रेस नेताओं की बैठक होने जा रही है जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी से कहा गया है कि अभी पार्टी को नए विकल्प नहीं मिल रहे हैं।
मंगलवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के एक बड़े नेता से कहा है कि आप एक महीना ले लीजिए, लेकिन मेरा विकल्प ढूंढ लीजिए। उन्होंने कहा है कि मैं पद छोड़ने के लिए मन बना चुका हूं। राहुल ने कहा है कि प्रियंका गांधी को इन सभी से दूर रखना चाहिए, किसी भी हालत में मेरी जगह अध्यक्ष नहीं बनेंगी।
Delhi: Priyanka Gandhi Vadra and Randeep Singh Surjewala arrive at the residence of Congress President Rahul Gandhi. pic.twitter.com/WXmvlPMJv0
— ANI (@ANI) May 28, 2019
राहुल गांधी ने कहा है कि मैं लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने को तैयार हूं। उन्होंने कहा है कि किसी अन्य भूमिका में भी मैं काम कर सकता हूं, पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करता रहूंगा। लेकिन अध्यक्ष नहीं रहूंगा।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाए को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी। सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया।
वहीं, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने राहुल गांधी से फोन पर बात कर उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने की गुजारिश की। इस दौरान राहुल ने उन्हें तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की जीत पर बधाई दी। सोनिया गांधी ने भी उन्हें बधाई दी।