पणजी: बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रावण के जन्म को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होने कहा कि रावण का जन्म नोएडा में हुआ था, न कि लंका में, जैसा कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुनानिधि का मानना था कि लंका के राजा रावण उन्हीं की तरह एक द्रविड़ थे।
गोवा में ‘इंडियन कल्चर हेरिटेज एंड इट्स इम्पॉर्टेंस’ विषय पर चर्चा के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ‘राम इन लोगों के लिए नफरत के पात्र थे, क्योंकि वह उत्तर से थे और उन्होंने लंका के रावण को मारा था और वह द्रविड़ थे। रावण लंका से नहीं था। उसका जन्म दिल्ली के समीप एक गांव में हुआ था। उस गांव का नाम बिसरख है। आप वहां जा सकते हैं और देख सकते हैं। उस इलाके को आज नोएडा कहते हैं
उन्होंने कहा कि रावण ने मानसरोवर में तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें एक वरदान दिया। इसके फलस्वरूप रावण लंका गया और अपने चचेरे भाई कुबेर को हराकर ‘लंका नरेश’ बन गया। उन्होंने कहा, ‘वह ब्राह्मण था..वह सामवेद का ज्ञाता था और करुणानिधि मानते थे कि वह उनके जैसे हैं। और इसलिए करुणानिधि मेरे द्वारा किए गए उस हर कुछ के खिलाफ थे, जो द्रविड़ विचारों के अनुरूप नहीं था।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मैं आपसे कहता हूं कि सबसे पहले, जानें कि हम सब एक हैं। हम कहीं दूर की जगह से नहीं आए हैं, जैसा कि अंग्रेजों ने अपनी इतिहास की किताब में लिखा है।’ स्वामी ने कहा कि द्रविड़ों को आर्यों ने उत्तर भारत से खदेड़ दिया था। यह थ्योरी अंग्रेजों के जमाने में आई, जो कि सही नहीं है। द्रविड़ और आर्य मतलब उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय एक ही हैं। यह थ्योरी क्रिश्चियन ने फैलाई।
स्वामी इससे पहले भी अपने एक ट्वीट में रावण के जन्म को लेकर बात रख चुके हैं। 2013 के ट्वीट में उन्होंने कहा था कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, जबकि रावण का बिसरख में। दोनों यूपी से थे, जिन्होंने लंका में जाकर युद्ध किया।