बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को 1998 में दो काले हिरणों के शिकार के मामले में गुरुवार को 5 साल जेल और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है. साथ ही अन्य आरोपी सैफ अली खान, तब्बू, सोनम और सोनाली बेंद्रे को बरी कर दिया गया है.
सजा का ऐलान होते ही उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया. जिसके बाद उनकी रात जोधपुर सेंट्रल जेल में गुजरी. आज भी जमानत न मिलने की वजह से उन्हें जेल में रहना पड़ सकता है. उनकी जमानत याचिका पर कल सुनवाई होगी.
इसी बीच पड़ोसी देश पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये कहकर सलमान खान को मुसलमान होने की सज़ा मिली है. इस पुरे मामले को एक अलग ही रंग दे दिया है. आसिफ़ ने कहा कि सलमान ख़ान को अल्पसंख्यक होने के कारण 5 साल की सज़ा दी गई.
उन्होंने कहा कि सलमान के साथ भारत में ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वो अल्पसंख्यक हैं. यदि वह भारत में सत्तारूढ़ दल के धर्म (हिंदू) से ताल्लुक रखते तो शायद उन्हें इतनी कठोर सजा नहीं दी जाती. ऐसे में उनके प्रति कोर्ट का रवैया लचीला हो सकता था.
ख्वाजा आसिफ के बयान पर पलटवार करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि भारत की कोर्ट हिंदू-मुसलमान नहीं देखती. उन्होने कहा, भारत में हिन्दु और मुसलमान में कोई फर्क नहीं होता. उन्होनें कहा कि पाक हमेशा ऐसी बातें करके उकसाने की कोशिश करता है.
इसी के साथ उन्होंने सलमान को मुआवजा लेकर छोड़ देने की भी बात कही. उन्होंने कहा, ‘अब हमें यह देखना है कि उन पर मेहरबानी हो जाए. उनको कम सजा मिले बल्कि उनसे मुआवजा लेकर एनिमल वेलफेयर के लिए पैसा दे दिया जाए. उसके बाद उनको छोड़ दिया जाना चाहिए. जेल में रखने से कोई फायदा नहीं है.