दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्री को पत्र लिखकर उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़े किये है. सिसोदिया ने उनकी सलाहकार आतिशी मार्लिना को हटाए जाने को लेकर मोदी पर निशाना साधा है.
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ”प्रधानमंत्री जी! आपकी सरकार ने एक झटके में जिस तरह दिल्ली में शिक्षा मंत्री की सलाहकार आतिशी मार्लिना को हटाया उससे आप क्या हासिल करना चाहते हैं? दिल्ली के बच्चो की शिक्षा में अड़चन खड़ी कर आप कौन सी देश भक्ति दिखाना चाहते हैं?”
मनीष सिसोदिया ने पत्र में अपने तीन साल के कार्यकाल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए किए गए विकास कार्यों की ओर ध्यान खींचते हुए प्रधानमंत्री को उन स्कूलों का दौरा करने का निमंत्रण भी दिया है. इसके लिए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के उनके निमंत्रण पर सरकारी स्कूलों के दौरे और इतिहास की क्लास लेने का जिक्र भी किया है.
गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में सिसोदिया ने कहा कि वह पीएम मोदी का इस ओर ध्यान खींचना चाहते हैं कि उनकी सरकार ने हमारे लिए बाधा खड़ी की है. आप हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं, आपके पास सरकार की ताकत हैं और आप पर इस ताकत का नशा है, सिर्फ यहीं क्यों आप चाहें तो देश में हो रहे किसी भी विकास के काम को रोक सकते हैं. सिसोदिया ने कहा कि मारलीना को उनके पद से हटाकर मोदी सरकार ने उन्हें नहीं नुकसान पहुंचाया है, बल्कि दिल्ली के बच्चों के भविष्य को नुकसान पहुंचाया है.
प्रधानमंत्री जी! आपकी सरकार ने एक झटके में जिस तरह दिल्ली में शिक्षा मंत्री की सलाहकार @AtishiMarlena को हटाया उससे आप क्या हासिल करना चाहते हैं? दिल्ली के बच्चो की शिक्षा में अड़चन खड़ी कर आप कौन सी देश भक्ति दिखाना चाहते हैं?@narendramodi @PMOIndia pic.twitter.com/f50PjEIXk2
— Manish Sisodia (@msisodia) April 20, 2018
सिसोदिया ने कहा कि आप आतिशी को पद से हटाकर क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, आपके हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह दिल्ली के बच्चों के भविष्य को नहीं प्रभावित करना चाहिए. सिसोदिया का कहना है कि सरकार का लक्ष्य था कि 95 फीसदी बच्चे इस देश में अच्छी शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं उन्हें बेहतर शिक्षा मुहैया कराई जाए, जिसमे खासकर छात्राएं शामिल हैं.
आतिशी मारलीना के बारे में लिखते हुए सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा कि वह हमने तमाम नीतियो में उनकी राय ली थी और इस सब के लिए उन्होंने सिर्फ एक रुपए की सैलरी ली थी. ऐसे में आप आतिशी जैसी देशभक्त, पढ़ी लिखी, शिक्षित महिला को उनके पद से हटाकर क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तमाम नीतियां बनाते समय इस विषय से जुड़े एक्सपर्ट को शामिल किया जाना चाहिए.