मॉब लिंचिंग को ओवैसी ने बताया – मोदी की विरासत, कहा – संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने में असफल

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हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि पीट-पीट कर मार डालना (मॉब लिंचिंग) पीएम मोदी की विरासत है। मोदी को भारतीय इतिहास में मॉब लिंचिंग के लिए याद रखा जाएगा, क्योंकि उनके कार्यकाल में इस तरह की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। उनकी सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में असफल रही है।

ओवैसी ने असम की घटना की निंदा की, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति को कथित रूप से पीटा गया और जबरदस्ती सुअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा, ‘इससे खराब क्या हो सकता है? एक राज्य में जहां गोकशी पर पाबंदी नहीं है और लोग बीफ खाते हैं, वहां 68 वर्षीय शौकत अली को बुरी तरह पीटा गया और जबरदस्ती सुअर का मांस खाने को मजबूर किया गया।’

उन्होंने दावा किया कि भीड़ द्वारा मारपीट की घटनाओं में शामिल सभी लोग मोदी के समर्थक हैं और उनकी हिम्मत बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें पता है कि उनके पास एक ऐसा प्रधानमंत्री है जो उनकी विचारधारा का समर्थन करता है। लोकसभा चुनाव में हैदराबाद से फिर से जीतने की कोशिश में लगे ओवैसी ने आरोप लगाया कि, ‘लव जिहाद’, ‘घर वापसी’, ‘भीड़ द्वारा मारपीट’, और ‘गाय’ से जुड़ी घटनाएं मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद हुई हैं।

ओवैसी ने लोगों से उन लोगों के लिए मतदान करने को कहा जो कमजोर, वंचित लोगों की बात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मोदी सबके लिए नहीं बोलते हैं। वह उनके लिए चौकीदार हैं जो आरएसएस की विचारधारा में विश्वास रखते हैं। उसे वोट दीजिए जो यह महसूस नहीं करता कि वह भारत से बड़ा है।’

एआईएमआईएम प्रमुख ने रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी को ‘झूठ का कारखाना’ बताया। औवेसी ने कहा कि भाजपा के धारा 370 को रद्द करने के वादे को मौजूदा संवैधानिक स्थिति को देखते हुए पूरा नहीं किया जा सकता।

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