भाजपा के खिलाफ 2019 के सियासी संग्राम में विपक्षी दलों की एकजुटता की संभावनाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) के नेता चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात कर कांग्रेस-टीडीपी के बीच पुरानी राजनीतिक दुश्मनी भुलाकर दोनों ने हाथ मिलाने का एलान किया।
कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर जाकर नायडू ने उनसे विपक्षी एकता को लेकर करीब सवा घंटे तक लंबी चर्चा की। इसके बाद राहुल और नायडू ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उनका मिशन पहले देश और उसके लोकतंत्र को बचाना है। इसीलिए हम सभी पार्टियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि लोकतंत्र को भाजपा के विध्वंसक प्रहार से बचाया जा सके।
ऐसे में अब एमआईएम के प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चंद्रबाबू नायडू पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि जब 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे, तब टीडीपी प्रमुख तत्कालीन राजग सरकार के सहयोगी रही। ओवैसी ने अपने ट्विटर पर ट्वीट किया है कि चंद्रबाबू जब मुख्यमंत्री थे, सभी अखलाक पहलू खान, रोहित, जुनैद, अलीमुद्दीन की हत्या हुई थी। अजीज और आजम का एनकाउंटर भी चंद्रबाबू नायडू के शासनकाल में ही हुए थे।
@ncbn supported BJP when Gujrat Pogrom happened in 2002,was part of @PMOIndia cabinet while Akhlaq,pahlu khan,Rohit,JUNAID,Aleemuddin where murdered,during his tenure as CM erstwhile AP many communal riots happened,AZIZ & AZAM killed in encounter NOW Saviour of Secularism WAH https://t.co/6REDz9AgdE
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 1, 2018
उन्होने लिखा, मुसलमानों पर हमले और ह’त्या के लिए जिम्मेदार चंद्रबाबू नायडू का अब अचानक सेक्युलरिज्म के बारे में बातें करना शर्मनाक है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद इस साल के शुरू में राजग से अलग होने वाले नायडू भगवा पार्टी के खिलाफ एकजुटता के साथ लड़ने के लिए गैर-बीजेपी दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं।