नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विवाद में आरएसएस की और से उनके हक़ में फैसला आने के किये जा रहे दावे पर सवाल उठाए है.
औवेसी ने कहा कि अभी केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है लेकिन आरएसएस ने अभी से यह घोषणा कर दी है कि 17 अक्टूबर, 2018 से राम मंदिर का काम शुरू कर देंगे. उन्हें इतना विश्वास कैसे है कि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में ही आएगा? यह केस मालिकाना हक के बारे में है न कि मंदिर और मस्जिद के बारे में.
उन्होंने इस पूरे मामले से जुड़े केस की सुनवाई और गवाहों के अपने बयानों से मुकरने पर सवाल उठाया है. ओवैसी ने कहा कि लखनऊ से मिल रही रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ बयान देने के लिए कोई भी गवाह सामने नहीं आ रहा है. ओवैसी ने कहा कि इतना ही नहीं जो भी सामने आ रहा है वह अपने बयान से पलट रहा है.
The case (Ayodhya) is in the SC, but RSS has already announced that construction work of temple will begin by October 17, 2018. How are they so sure that the court’s judgment will be in their favour? The case is title suit. It's not about temple or mosque: Asaduddin Owaisi, AIMIM pic.twitter.com/cviFSVL1Av
— ANI (@ANI) January 28, 2018
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा. साथ ही उसके ऊपर एक भगवा झंडा बहुत जल्द लहराएगा. उन्होंने दावा किया था कि राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता.