उपचुनाव में ओवैसी की परफॉर्मेंस से बजी सपा के लिए खतरे की घंटी

एआईएमआईएम चीफ असदु्दीन ओवैसी ने कहा, ”हम पार्टी के परफॉर्मेंस से बेहद खुश हैं। राज्य में जल्द ही दलित-मुस्ल‍िम कॉन्क्लेव का आयोजन करेंगे।”

विधानसभा उपचुनाव के मंगलवार (16 फरवरी) को घोषित नतीजों ने यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। देवबंद और मुजफ्फरनगर में मिली हार से ऐसा लगता है कि सपा का सबसे अहम वोट बैंक माने जाने वाले मुस्‍ल‍िमों का पार्टी से मोहभंग हुआ है।

इसके अलावा, फैजाबाद के करीब बीकापुर सीट पर सपा भले ही जीत गई हो, लेकिन हैदराबाद के एमपी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने यहां 11587 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहकर भी सपा को झटका दिया है। आनंदसेन भले ही बीकापुर सीट जीत गए, लेकिन सपा के लिए इस विजय का स्‍वाद फीका ही रखा। नतीजों पर सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ”हम जनता के फैसला को कबूल करते हैं।”

ओवैसी बेहद खुश एआईएमआईएम चीफ असदु्दीन ओवैसी ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा, ”हम पार्टी के परफॉर्मेंस से बेहद खुश हैं। कोई भी पार्टी मुसलमानों को बंधुआ मजदूर नहीं समझ सकती। मेरे प्रत्‍याशी (प्रदीप कुमार कोरी’ जो एक दलित हैं) को मिले वोटों ने मुझे पार्टी को 2017 चुनाव में लॉन्‍च करने का प्‍लेटफॉर्म दिया है।” ओवैसी का मानना है कि अगर वे थोड़ी और कैंपेनिंग करते तो उनकी पार्टी का वोट शेयर और बढ़ सकता था। ओवैसी ने एलान किया कि वे राज्‍य में जल्‍द ही दलित-मुस्‍ल‍िम कॉन्‍क्‍लेव का आयोजन करेंगे। ओवैसी मानते हैं कि उनकी पार्टी मुसलमानों के वोटों को दलित कैंडिडेट तक पहुंचाने में कामयाब रही।
औवेसी ने कहा, ”हम धार्मिक कारणों से नहीं, बल्‍क‍ि पिछड़ों और दबे कुचलों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे वोटरों ने हमारे सिद्धांतों के आधार पर वोट दिया है। ”

सपा के मुस्‍ल‍िम वोट बैंक में सेंध

सहारनपुर जिले के देवबंद सीट पर जीतने वाली कांग्रेसी प्रत्‍याशी माविया अली कभी समाजवादी पार्टी के साथ हुआ करती थीं। हालांकि, उन्‍होंने दारुल उलूम देवबंद के मुखिया के तौर पर मदनी परिवार के बजाए मौलाना गुलाम वस्‍तानवी को समर्थन दिया, जिसके बाद स्‍थानीय मुस्‍ल‍िम धर्मगुरुओं ने अली को समर्थन देना बंद कर दिया। हालांकि, अली के समर्थन में पूर्व एमएलए इमरान मसूद आ गए। मसूद की सिफारिश पर ही अली को कांग्रेस ने खड़ा किया। मसूद की वजह से मुस्‍ल‍िम अली के पीछे गए। यही सपा प्रत्‍याशी मीना राणा की हार की वजह बना। मीना पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राणा की विधवा हैं। मुजफ्फरनगर की बात करें तो कांग्रेस के सलमान सईद ने 10561 वोट हासिल किए। सईद ने सपा के गौरव स्‍वरुप के वोट शेयर में सेंध लगाई। हालांकि, दोनों ही बीजेपी के प्रत्‍याशी कपिल देव के हाथों पराजित हुए। (जनसत्ता)
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