अलीगढ़ विश्वविद्यालय में दलितों को आरक्षण देने का मुद्दा उठाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि योगी अगर दलितों के हमदर्द बन रहे हैं तो उनकी आबादी के मुताबिक उन्हें आरक्षण दें।
आज तक के ‘सीधी बात’ कार्यक्रम में ओवैसी ने कहा, ‘योगी जी अगर दलित के हमदर्द हैं तो उत्तर प्रदेश में उनकी आबादी के मुताबिक आरक्षण मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ और जामिया में 50 फीसदी तो अपर कास्ट को मिल रहा है। योगी आदित्यनाथ यह प्रावधान हटा दें।
उन्होंने बीजेपी के दलित प्रेम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ जिस जज ने फैसला दिया, उसे एनजीटी का अध्यक्ष बना दिया गया। इतना ही दलितों से प्रेम हो तो निजी क्षेत्र में भी उन्हें 50 फीसदी आरक्षण दीजिए।
ओवैसी ने मॉब लिंचिंग पर कहा कि पिछले 4 सालों में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। अगर 2009 की तुलना में देखें तो 85 फीसदी का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में नफरत की दीवारें उठी हैं। मुसलमानों पर शक किया जा रहा है और सरकार में बैठे लोग इन सबकी वकालत करते हैं। अखलाक को मारने वाले को तिरंगे में लपेटा जाता है और मॉब लिंचिंग के आरोपियों का मंत्री स्वागत करते नजर आते है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के टोपी पहनने से इंकार के सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मैं अगर वहां पर होता तो उन्हें टोपी नहीं देता, आप सीएम हैं, आप कासिम को बुलाकर गले लगा लीजिए, उस कासिम को मारा पीटा गया जो पानी के लिए भीख मांग रहा था। उत्तर प्रदेश में बच्ची के साथ मोलेस्टेशन हुआ, उसे पास बुलाकर बोलते कि मैं तुम्हारा बाप हूं, तुम्हारा भाई हूं, ये कहना चाहिए था।’
उन्होंने कहा कि टोपी कौन पहनाएगा. टोपी तो ये पहना ही रहे हैं इतने सालों से। यह आपकी ड्यूटी है और आप कोई एहसान नहीं कर रहे, आप मुख्यमंत्री हैं। वो तो कर ही नहीं पा रहे।