पद्मावत फिल्म को लेकर उत्पात मचा रहे करणी सेना को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाते हुए कहा कि अब करणी सेना के गुंडों को जीप से बांधकर क्यों नहीं घुमाते ?
अब्दुल्ला ने श्रीनगर में नौ अप्रैल, 2017 को सेना की जीप के बोनट पर एक स्थानीय युवक को मानव ढाल के तौर पर बांध कर घुमाए जाने की घटना का जिक्र करते हुए ट्वीट कर कहा किक्यों नहीं करणी सेना के गुंडों के गुंडों को जीप से बांध जा रहा है और स्कूल बसों तथा सिनेमा घरों के बाहर परेड कराई जा रही है. क्या यह भीड को नियंत्रित करने का सराहनीय कदम नहीं है.
Why aren’t Karni Sena goons being tied to the front of jeeps & paraded in front of school buses & cinema halls? Isn’t that a much lauded crowd control measure?
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 25, 2018
ध्यान रहे पिछले साल कश्मीर में उपचुनावों के दौरान पत्थरबाजों को रोकने के लिए मेजर नितिन गोगोई ने कथित पत्थरबाज को जीप पर बांध कर परेड निकाली थी. उस समय कश्मीर सहित दुनिया भर में इस घटना को लेकर भारत को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. हालांकि मेजर गोगोई ने पत्थरबाजों को रोकने के लिए इसे सही तरीका बताया था.
इसी बीच हरियाणा के गुरुग्राम में पद्मावत के विरोध में राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने अपनी बहादुरी का नमूना दिखाते हुए एक स्कूल बस पर पत्थरों से हमला किया था. जिसका वीडियो बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ऐसे में सवाल उठाना लाजमी है कि एक ही मुल्क में पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई का तरीका अलग क्यूँ ?