नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार पर तालिबान से बातचीत को लेकर निशाना साधा है।
उमर ने सवाल किया कि यदि नई दिल्ली मास्को में तालिबान के साथ अनाधिकारिक स्तर की बातचीत में शामिल हो सकती है तो वह जम्मू-कश्मीर के ‘गैर-मुख्यधारा के हितधारकों’ के साथ वार्ता क्यों नहीं कर सकती?
If “non-official” participation in a dialogue that includes the taliban is acceptable to the Modi government why not a “non-official” dialogue with non-mainstream stake holders in J&K? Why not a “non-official” dialogue centered around J&K’s eroded autonomy & its restoration? https://t.co/722SrqKkvo
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 8, 2018
दरअसल, अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए आज भारत पहली बार तालिबान के साथ मंच साझा करेगा। ये बातचीत रूस के मॉस्को में होने जा रही है। भारत इस बातचीत में गैर आधिकारिक स्तर पर शामिल होगा। भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, ईरान और अमेरिका भी बातचीत में शामिल हो सकते हैं।
रूस के व्लादीमिर पुतिन ने पिछले महीने नई दिल्ली का दौरा किया था इसके बाद ही भारत की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है। रवीश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत, अफगानिस्तान में शांति और पुनर्स्थापना के लिए पूरा समर्थन करता है।