असम में सोमवार को जारी किए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) के फाइनल ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया। जिसको लेकर अब राजनीति चरम पर है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर बांटो और राज करो की नीति के अनुसरण का आरोप लगाया।
दूसरी और ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आई तो वह पश्चिम बंगाल के लिए अलग सिटिजन रजिस्टर बनाएंगे और देश से अवैध प्रवासियों को बाहर करेंगे।
दिलीप घोष ने कहा कि सिटिजन रजिस्टर बनाना कांग्रेस सरकार का फैसला था और अब सुप्रीम कोर्ट इसे देख रहा है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में बीजेपी सरकार इसके लिए जिम्मेदार कैसे हो सकती है। कोर्ट ने पहले कहा था कि अगर किसी का नाम ड्राफ्ट में नहीं होता तो उसे बाद की लिस्ट में जोड़ा जाएगा।
दिलीप घोष ने कहा, ‘अगर हम राज्य में सत्ता में आए तो हम पश्चिम बंगाल के लिए अलग नागरिकता रजिस्टर बनाएंगे। जिनका नाम उसमें नहीं होगा, उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। अवैध प्रवासियों को उसके लिए पहले से तैयार रहना चाहिए।’
Where will the 40 lakh people whose names have been deleted go? Does Centre have any rehabilitation program for them? Ultimately it is Bengal which will suffer.Its just vote politics by BJP. Request Home Minister to bring an amendment : West Bengal CM Mamata Banerjee #NRCAssam pic.twitter.com/dicIhibxNV
— ANI (@ANI) July 30, 2018
बता दें कि ममता ने सवाल उठाते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पूछा था कि क्या इन 40 लाख लोगों को जबरदस्ती निकाला जायेगा ? उन्होंने कहा कि हर राज्य में बाहर से आये लोग रहते हैं। असम में संवाद की सभी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। महिलाओं और बच्चों को जेल भेज दिया गया है। यह एक चुनवी राजनीति है। क्या इन लोगों को जबरदस्ती बाहर निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति बांटो और राज करो की है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 में जो लोग आये हैं वे भी भारतीय हैं। ममता ने कहा कि कई परिवार यहां पर 7 पुश्तें रहती हैं और सभी वैध दस्तावेज देने के बाद भी ऐसे लोगों लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने केंद्र पर सवाल उठाते हुये कहा है कि सरकार ने इन लोगों के लिये कोर्ट में आवाज क्यों नहीं उठाया है।
ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को एक गेम प्लान की तहत अलग-थलग किया जा रहा है। मुझे चिंता है कि लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बनाया जा रहा है। ममता ने कहा कि 40 लाख लोग जिन्हें ड्राफ्ट से बाहर किया गया है, वो कहां जाएंगे? अगर बांग्लादेश भी उन्हें वापस नहीं लेता तो उनका क्या होगा?